कमला नेहरू चिकित्सालय अग्निकांड: इस हृदयविदारक घटना से हम सभी देश और प्रदेश के संवेदनशील नागरिक मर्माहत हैं: आरती शर्मा | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:

कमला नेहरू चिकित्सालय अग्निकांड: इस हृदयविदारक घटना से हम सभी देश और प्रदेश के संवेदनशील नागरिक मर्माहत हैं: आरती शर्मा | New India Times

भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल परिसर स्थित कमला नेहरु चिकित्सालय के शिशु वार्ड में कल रात हुए अग्निकांड पर महिला सांस्कृतिक संगठन की जिला सचिव आरती शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस हृदयविदारक घटना से हम सभी देश और प्रदेश के संवेदनशील नागरिक मर्माहत हैं।
इस घटना में हमारे 7 असहाय नवजातों की अभी तक जान जा चुकी है और पहले ही मौत से संघर्ष कर रही कई नन्ही जानों की ज़िंदगी पर मौत का खतरा और बढ़ गया है। उन्होंने कहा है कि इस दुःखद परिस्थिति में हम शोकाकुल परिजनों के साथ हैं, लेकिन हम इस तथ्य से भी मुँह नहीं मोड़ सकते कि यह कोई प्राकृतिक आपदा या अचानक घटित हुई दुर्घटना नही है। अभी तक उजागर हुए तथ्य इस बात को स्पष्ट कर रहे हैं कि इन अबोध शिशुओं की मौत अस्पताल प्रशासन की आपराधिक लापरवाही और सरकार की जनविरोधी नीतियों का ही नतीजा है ।ज्ञात हो कि विगत 6 माह में पीडियाट्रिक वार्ड में शॉर्ट सर्किट की यह तीसरी घटना है। यह वो वार्ड है जिसमें जीने का संघर्ष कर रहे बच्चों को रखा जाता है। लेकिन वहाँ पर भी अपार अनियमितताओं थीं। पूर्व में घटित आगजनी की घटनाओं के बावज़ूद वार्ड और अस्पताल में फायर एंड सेफ्टी की अत्यंत लचर व्यवस्था के साथ ही पर्याप्त मात्रा में अग्निशमन यंत्र उपलब्ध नहीं थे, और जो थे, वे भी उचित रखरखाव के अभाव में ठीक से काम नहीं कर पाए, अन्यथा आग इतनी नहीं फैलती। वार्ड में ज़रूरत की तुलना में चिकित्सा स्टाफ, सुरक्षाकर्मी भी अपर्याप्त संख्या में थे। उन्होंने बाकी बच्चों को मौत के मुँह से बचाने के लिए आग में कूदकर जान पर खेल जाने वाले स्टाफ नर्स और अस्पताल कर्मियों के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त की है। जानकारी के मुताबिक इस प्रयास में कुछ स्टाफ घायल होकर भर्ती भी हैं। ये सभी तथ्य प्रशासन के अत्यंत गैरज़िम्मेदाराना रवैये और बच्चों के जीवन के प्रति सरकारी उदासीनता को उजागर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले भी इंदौर और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों में इस प्रकार की घटनाएं हो चुकी हैं, उनसे सबक न लेते हुए घटित हुई इस घटना ने पुनः सरकार की निजीकरण की नीति की स्पष्ट मीमांसा करने का अवसर प्रदान किया है।

कमला नेहरू चिकित्सालय अग्निकांड: इस हृदयविदारक घटना से हम सभी देश और प्रदेश के संवेदनशील नागरिक मर्माहत हैं: आरती शर्मा | New India Times

एक ओर जहां स्वास्थ्य बजट में भारी कटौती कर सरकारी अस्पतालों को आवश्यक न्यूनतम फण्ड से भी महरूम किया जा रहा है, जिससे अस्पतालों में न्यूनतम मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, और असहाय गरीब माँ-बाप मुनाफाखोर निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर किये जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जनता की गाढ़ी कमाई से वर्षों में निर्मित सरकारी अस्पतालों का संचालन भी निजी हाथों में दिया जा रहा है। गौरतलब है कि उक्त अस्पताल की इमारत का विधुत रखरखाव भी सी.पी.ए नाम की एक निजी कम्पनी के हाथों में था, जिसके निम्न दर्ज़े के घटिया उपकरण और अकुशल कर्मचारियों द्वारा रखरखाव कराया जाना प्रथम दृष्टया इस घटना का जिम्मेदार प्रतीत होता है। स्वास्थ्य सेवाओं में भी विभिन्न कार्यों को आउटसोर्स किया जा रहा है,जहां अप्रशिक्षित व अकुशल लोगों को कम तनख्वाह पर रखा जाता है,साथ ही ये निजी कंपनियां मुनाफे की प्रवृत्ति के चलते घटिया उपकरणों का इस्तेमाल करती हैं, जो भोपाल ही नहीं, वरन प्रदेश के अन्य तमाम शहरों में होने वाली ऐसी घटनाओं का कारण बनता है। उन्होंने आम जनता से सरकार की जनविरोधी निजीकरण की नीतियों का डटकर विरोध करने का आह्वान करते हुए, सरकार से निम्नलिखित माँग की हैं :

  1. मृत नवजातों के अभिभावकों को 10 लाख मुआवज़ा और हादसे में घायल बच्चों के अभिभावकों को 5 लाख मुआवजा राशि दी जाए।
  2. घटना के लिए प्रथम दृष्टया दोषी अस्पताल प्रशासन और विधुत रखरखाव करने वाली कम्पनी पर गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए, और तत्पश्चात पुनरावृत्ति रोकने के लिए ज़िम्मेदार तमाम कारकों की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच करवाई जाए और उसमें भी दोषी पाए जाने वालों को सख्त सज़ा दी जाए।
  3. उक्त अस्पताल एवं प्रदेश के सभी अन्य शासकीय अस्पतालों में आवश्यक सेवाओं की आउटसोर्सिंग के तमाम ठेके रद्द कर सरकार इन्हें पुनः अपने हाथ में ले।
  4. प्रदेश के अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकीय एवं अन्य तकनीकी स्टाफ की स्थायी भर्ती की जाए।
  5. प्रदेश सरकार स्वास्थ्य के निजीकरण को अविलम्ब वापस ले एवं स्वास्थ्य बजट में पर्याप्त बढ़ोतरी करे।

Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading