यूसुफ खान, ब्यूरो चीफ, धौलपुर (राजस्थान), NIT:
बिहार के रहने वाले सुनील कुमार जो ग्वालियर रेलवे में कार्यरत हैं यहाँ पर उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं था उनकी तबियत अचानक खराब हो गयी थी तो खुद कल्याण हॉस्पिटल जाकर एडमिट हो गए थे. उन्होंने जाँच कराई तो पता चला कि उनकी प्लेटलेट्स मात्र 12000 रह गयी थी तो वह घबराने लगा कि मेरा यहाँ पर कोई नहीं है और प्लेटलेट्स मात्र 12000 रह गयी है तो उसने अपने रेलवे में कार्यरत अपने साथी कमलसिंह मीना और अन्य साथियों को अपनी समस्या बताई. सभी साथियों के द्वारा कोशिश करने पर दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था तो रात को ही हो गयी थी लेकिन अभी तक 2 यूनिट की जरूरत और थी, मरीज सुनील कुमार घबराने लगा और कमलसिंह मीना को फोन किया तो कमलसिंह मीना ने अपने मित्र सुनकई निवासी भवानी सिंह मीना और ग्वालियर निवासी दिनेश गुप्ता जी को कॉल किया तो तुरंत बिना देर किए दिनेश गुप्ता एक डोनर विवेक भदौरिया को लेकर रेडक्रॉस ब्लड बैंक गए और कमलसिंह मीना भी अपने साथी भवानी सिंह के साथ ब्लड बैंक पहुँचे। भवानी सिंह मीणा और विवेक भदौरिया ने रक्तदान कर मरीज को एहसास कराया की हम सब एक हैं ये नही सोचें कि मैं बाहर का रहने वाला हूँ मेरा यहाँ कोई नहीं है, हम सब रेल कर्मचारी आपके परिवार के सदस्य हैं।
ये सुनकर सुनील कुमार खुश हो गए थे और भविष्य में किसी को जरूरत पड़ने पर रक्तदान करने के लिए तैयार हो गए।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.