मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:

मर्कजी जमीअत अहले हदीस हिन्द दिल्ली के निर्देशानुसार मध्य प्रदेश सुबाई जमीयत अहले हदीस के मार्गदर्शन में ज़िला जमियत अहले हदीस सिवनी ने मुस्लिम समाज में सुधार के लिए एक शोबा दावतो तबलीग बनाया गया है जिसमें सिवनी ज़िले के मौलाना शेख शकील उमरी, शेख अब्दुल वाहिद सल्फी, हाफिज अब्दुल वाहिद फ़ैज़ी, हाफिज राशिद सल्फी, जनाब अब्दुल जब्बार आलम को ज़िम्मेदार बनाया गया है. इन उलमा हजरत के जरिए सिवनी जिले की कई मस्जिदों एवं मदरसों में दावतो तबलीग व मुस्लिम समाज की इसलाह के तरबियती प्रोग्राम रखे गए जिनकी कामयाबी को देखते हुए जिला छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव तहसील में जनाब जब्बार आलम का चार दिवसीय दावती दौरा आयोजित किया गया जिसके तहत मुकामी जमीयत अहले हदीस जुन्नारदेव, अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन लड़कियों के मदरसे में, मस्जिद आयशा, मदरसा मोहम्मदिया में चार प्रोग्राम किए गए.

जिसमें दाई व मुबल्लिग अब्दुल जब्बार आलम सिवनी ने कुरआन और हदीस की रोशनी में फितनों की पहचान, मौत की हकीकत, सीरतुननबी, सिलारहमी, इस्लाम में हमारा किरदार, के अलग-अलग मौजू पर शानदार तकरीर की. उन्होंने अपनी तकरीर में फितनों की पहचान के लिए सूरह आले इमरान की आयत को पेश करते हुए बताया कि जो शख्स जहन्नम से बचा लिया गया और जन्नत में दाखिल किया गया- इसमें हमें इस बात का सबक मिलता है, कि जहन्नम से बचने की तमाम कोशिशें इंसान को करना चाहिए तभी उसे जन्नत मिलेगी. जनाब अब्दुल जब्बार आलम ने मौत की हकीकत, सिलारहमी, सीरतुननबी, इस्लाम में हमारा किरदार, पर शानदार तकरीर कुरआन और हदीस की रोशनी में की. प्रोग्राम के आखिर में मौलाना मोहम्मद आबिद असरी सदर मदरसा मोहम्मदिया आयशा मस्जिद, मौलाना मोहम्मद आदिल अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन लिलबनात मोहम्मद ताहिर नाजिम मदरसा मोहम्मदिया, युसूफ तबरेज मुकामी जमीयत जुन्नारदेव सभी ने तहेदिल से शुक्रिया अदा किया और आइंदा भी इस तरह के प्रोग्राम कराने के लिए गुजारिश की.
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.