अशफाक कायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:

चिकित्सक बनने की चाहत में किसी मेडिकल कालेज में प्रवेश पाने के लिये भारतीय स्तर का नीट नामक टेस्ट से गुजरते हुये उसमें अच्छी रैंक लाना आवश्यक होता है। इसी भारतीय स्तर के नीट नामक टेस्ट का रिजल्ट कल जारी होने के बाद राजस्थान प्रदेश से सेंकड़ों मुस्लिम बच्चों ने भी अच्छी रैंक पाकर मेडिकल कालेज में प्रवेश पाने के लिये अपनी राह हमवार कर ली है। काफी बच्चों ने ओवर आल पांच हजार में रैंक पाई है।
सीकर में नीट की तैयारी के लिये अच्छी कोचिंग संस्थान होने का असर खरबूजे को देखकर खरबूजा के रंग बदलने की तरह अब आस-पड़ोस के किसान परिवार में बनते चिकित्सक का मुस्लिम समुदाय के बच्चों पर भी असर साफ दिखने लगा है। कुछ पेरेंट्स भी अब इस तरफ तवज्जो देते नजर आ रहे हैं।

राजस्थान प्रदेश को जरा अलग छोड़कर मात्र शेखावाटी जनपद पर नजर दौड़ाएं तो कल आये नीट परिणाम में सैंकड़ों मुस्लिम बच्चों ने मेडिकल कालेज में प्रवेश पाने का रास्ता एक तरह से तय कर लिया है। जिनमें काफी बच्चों के पांच-छ हजार रैंक में जगह पाने के चलते उनको मनचाही कालेज मिल सकती है। नीट में अच्छी रैंक पाने वालों में मुस्लिम बेटियां भी काफी शामिल हैं। परिणाम पर नजर डालने पर साफ जाहिर होता है कि गांव या फिर देहात नुमा छोटे छोटे कस्बे के मुस्लिम बच्चे नीट में अधीकांश सलेक्ट हुये हैं। शहरों के बच्चे नगण्य हैं।

शेखावाटी जनपद से नीट में अच्छी रैंक लेकर आने वाले सेंकड़ों मुस्लिम बच्चों में से चंद नाम हनीफ खान 574 रैक, तरन्नुम 3100 रैंक, रेहाना खान 2007, मुबस्सीर टांक 4181, जीशान सिद्दिकी 4058 रैंक, अरबाज खान 5747 रैक, सानिया 5421 रैक, जैसे अनेक बच्चों ने एक मुकाम बनाया है। वहीं भविष्य के चिकित्सकों को अच्छे चिकित्सक व नैतिक बल मजबूत बनाये रखने के लिये सीकर स्थित हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. अली हसन से जरुर मिलना चाहिए।
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