आसिम खान, ब्यूरो चीफ, छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
छिंदवाड़ा जिला हर तरह की प्रतिभाओं से परिपूर्ण है। चाहे बात खेलकूद की हो, मनोरंजन की हो या विज्ञान (Science) की हो, सूबे के लोगों ने दुनिया भर में अपनी पहचान छोड़ी है और गौरवान्वित किया है।
छिंदवाड़ा जिले के तामिया ग्रामीण अंचल से निकल कर डॉ मोहम्मद वसीम सिद्दीकी ने विश्व स्तर पर अपना झंडा गाड़ा है। डॉ वसीम, शा. उ. मा. विद्यालय, तामिया से सेवानिवृत्त शिक्षक स्वर्गीय श्री एम. एन. सिद्दीकी जी के सुपुत्र हैं एवं वर्तमान में बेदी कॉलोनी, छिंदवाड़ा में निवासरत हैं।
डॉ वसीम को विश्व के सर्वश्रेष्ठ 2% वैज्ञानिकों में शामिल किया गया है, जिससे छिंदवाड़ा जिले के साथ साथ हमारा राज्य भी गौरवांवित हुआ है। डॉ वसीम वर्तमान में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर बिहार में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हैं।
हाल ही में अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford University) विश्व के सर्वश्रेष्ठ 2% वैज्ञानिकों की फेहरिस्त बनाई गई है इसमें विश्व के एक लाख से ज्यादा वैज्ञानिकों, चिकित्सा विज्ञान, इंजीनियरिंग व मौलिक विज्ञान की बड़ी हस्तियों के नाम हैं। जो कि विश्व प्रसिद्ध शोध पत्रिका प्लॉस बायोलॉजी में प्रकाशित को गई है जो एल्सिवियर के साथ संयुक्त रूप में अपडेट की गई है। वैज्ञानिकों की इस अद्धतित सूची में भारत के लगभग 2000 वैज्ञानिकों को जगह मिली है।
डॉ वसीम पूर्व में भी कई बार जिले का नाम अंतराष्ट्रीय स्तर पर रौशन कर चुके है। इन्हें 15 से ज्यादा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया है। वैज्ञानिकीय प्रकाशन में इन्हें विश्व स्तरीय ख्याति प्राप्त है इन्होंने 60 से अधिक शोध पत्र अंतराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किए हैं साथ ही साथ ये अभी तक 25 से ज्यादा किताबें प्रकाशित कर चुके है और सभी किताबे अमेरिका के नामिग्रामी प्रेस से प्रकाशित हुई हैं।
डॉ वसीम अमेरिका के पोस्ट हार्वेस्ट एजुकेशन फाउंडेशन के बोर्ड मेंबर (2019-2020) रह चुके है। वर्तमान में डॉ वसीम अमेरिका में स्थित वर्ल्ड फूड प्रिजर्वेशन सेंटर के एंबेसेडर हैं। वें अपनी सफलताओं का श्रेय अपने माता पिता, शिक्षक, परिवार के सदस्य एवं दोस्तों को देते हैं।
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