भारी बारिश व तेज हवाओं से तबाह हुईं किसानों की फसलें | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

भारी बारिश व तेज हवाओं से तबाह हुईं किसानों की फसलें | New India Times

विगत तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश और तेज हवाओं के चलते दर्जनों किसानों की धान, गन्ना और केले की फसल नष्ट हो गई है तो कई किसानों की बोई गई आलू की भी फसल नष्ट हो गई है। बारिश के कारण हुए इस नुकसान से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं।
मालूम हो कि क्षेत्र में हो रही निरंतर बारिश से बाँकेपुर, अर्जुनपुर, प्रतापपुर और मित्रा बिंद्रा फार्म सहित दर्जनों गाँवों के सैकड़ों किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। बाँकेपुर निवासी किसान सतीश चंद्र, सचिन मौर्य, लक्ष्मी नारायण का एक एक एकड़ केले की फसल भारी बारिश के चलते पूरी तरह से नष्ट हो गई है एवं वीरेंद्र प्रतापपुर निवासी का चार बीघा गन्ना तेज हवा और बारिश से गिर गया है। क्षेत्र के ऐसे दर्जनों किसानों की लाखों रुपए की फसल इस भयानक बारिश से तबाह हो गई है। क्षेत्र के कई किसानों से बात करने पर किसानों ने बताया कि हम काफी समय से केले की फसल पैदा करते आ रहे हैं। इससे हमको ज्यादा फायदा मिलता था लेकिन इस बार हुई तेज बारिश हवाओं के चलते लाखों रुपए की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों ने सासन प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.
कई किसान कहते हैं कि गन्ने का भुगतान न मिल पाने के कारण हम पहले से ही परेशान हैं। हम अपनी धान और केले की फसल बेचकर अपनी उधारी चुकाने का वादा करते आ रहे थे। तेज हवा के झोंकों के साथ हुई बारिश के कारण हुए नुकसान ने हमें चिंता में डाल दिया है कि अब हमारे दावों का क्या होगा? केले की गिरी हुई फसल को बेचकर हम अपनी लागत निकालने के लिए आढ़तियों से संपर्क कर रहे हैं। आढ़तिया गोदाम भरे होने की बात कहकर फसल खरीदने से इन्कार कर रहे हैं। ऐसे में यदि हमारी केले की फसल तीन-चार दिनों तक खेत में ही पड़ी रही तो वह काली हो जाएगी और किसी काम की नहीं रह जाएगी। धान की फसल भी यदि पानी में डूबी रही तो वह भी बेकार हो जाएगी। गन्ने पर प्रभाव भले कम पड़े। लेकिन इस भयानक बारिश से किसान पूर्ण रूप से तबाह हो चुका है और सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगा कर बैठा है.


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading