संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:
राजयोग के द्वारा हम अपने इंद्रियों को संयम में रखकर अपने मनोबल को बढ़ा सकते हैं। राजयोग के नियमित अभ्यास के द्वारा ही हम अपने आंतरिक शक्तियों का और सद्गुणों का विकास कर जीवन में सुधार और निखार ला सकते हैं। राजयोग द्वारा ही हम अपने जीवन को तनाव से मुक्त बनाकर सच्ची और स्थाई सुख शांति का अनुभव कर सकते हैं । उक्त उदगार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू राजस्थान से पधारे हुए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे वे आज पुराना हाईकोर्ट लाईन स्थित स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र पर आये हुई ईश्वर प्रेमी भाई बहनों को राजयोग का महत्व विषय पर वे बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजयोग के अभ्यास द्वारा नम्रता,धैर्यता, एकाग्रता, शांति आदि अनेक सद्गुणों का विकास होता है। राजयोग से जीवन में शक्तियां आती है जिससे जीवन की हर समस्या का हम समाधान कर जीवन के हर मोड़ पर विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक चिंतन कर तनाव, चिंता, डर, भय से भी मुक्त बन सकते हैं।
भगवान भाई ने बताया कि वर्तमान की तनावपूर्ण परिस्थितियों में राजयोग ध्यान बहुत मदद करता है। राजयोग द्वारा हम अपने आत्मबल को बढ़ा कर अनेक शारीरिक और मानसिक बीमारियों से बच सकते हैं उन्होंने कहां की राजयोग द्वारा हम जीवन जीने की कला सीख सकते हैं राजयोग के द्वारा प्राप्त सुख के सामने संसार के वस्तु वैभव का सुख फिका लगने लगता है.
उन्होंने राजयोग की विधि को बताते हुए कहा कि स्वयं को आत्मा निश्चय कर चांद, सूरज, तारागण के भी पार रहने वाले पिता परमात्मा को मन बुद्धि से याद करना है, परमात्मा के गुणों को जीवन में धारण कर अपना आचरण श्रेष्ठ बनाना ही राजयोग है। उन्होंने बताया कि राजयोग के अभ्यास द्वारा मन को सही दिशा निर्देशन मिलती है और मन का भटकना बंद होता है.
राजयोग के द्वारा हम अपने इंद्रियों पर संयम रख मनोबल को बढ़ा सकते है । वास्तव में वर्तमान की सर्व समस्याओं का मूल कारण ही इंद्रियों की चंचलता है उन्होंने कहा कि राजयोग के द्वारा हम गुणवान बन अपने जीवन में गुणों का विकास कर सकते हैं राजयोग के द्वारा हमें अतींद्रिय सुख की अनुभूति होती है हम अपने आप को भूल गए पिता परमात्मा को भूल गए जिसके कारण हमारे से कोई ना कोई भूले होती रहती है.
स्थानीय ब्रह्माकुमारी केंद्र के वरिष्ठ राजयोगी बी. के. डॉ. गुरुचरण भाई ने ब्रह्माकुमार भगवान भाई का परिचय देते हुए कहा कि भगवान भाई ने भारत के 5000 स्कूलों में और 800 जेलों कैदियों को और बच्चों को नैतिकता का पाठ, अपराध मुक्त बनने का पाठ पढ़ाकर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा चुके है | उन्होंने सभी भाई बहनों को रोज अपनी दिनचर्या में राजयोग को अपनाने की सलाह दी.
स्थानीय ब्रम्हाकुमारी सेवाकेंद्र के वरिष्ठ भाई बी.के. प्रहलाद ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि मुसीबतों के समय हमे दुआएं काम आती है । सब के साथ अच्छे व्यवहार और पुण्य कर्म दुआएं प्राप्त करने का साधन है सत्संग के द्वारा प्राप्त ज्ञान ही हमारी असली संपत्ति है.
कार्यक्रम के अंत सेवाकेंद्र संचालिका राजयोगिनी आदर्श दीदी ने सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास कराया। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
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