गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
बीजेपी सरकार द्वारा लगातार सच लिखने वाले पत्रकारों पर हंटर चलाए जा रहे हैं, सच लिखने वाले पत्रकारों का जीना दूभर कर दिया गया है. इमरजेंसी से भी बदतर हालत मौजूदा सरकार ने करके दिखा दिया है। दैनिक भास्कर समाचार पत्र और भारत चैनल के ऑफिस, उनके ऐंकरों के ऊपर इनकम टैक्स का छापा डालने के विरोध में धरना प्रदर्शन करके विरोध प्रदर्शन किया गया। जिला अध्यक्ष राजेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार अब सच्चाई से डर गई है सच बोलने और सच लिखने वाले पत्रकारिता जगत पर 2014 से सत्ता में आने के बाद ही लगातार हमलावर है। देश के चार स्तंभ के प्रति कर्तव्य है इस तरह की कार्यवाही का मतलब है – देश के लोकतंत्र की सीधे हत्या। मोदी और योगी आदित्यनाथ को यह अच्छी तरह सोच लेना चाहिए कि देश की जनता अब उनके तानाशाही रवैया को भांप गई है और जनता यदि सिंघासन देना जानती हैं तो उस आसन से उखाड़ फेंकना भी जानती है। प्रेस को कुचलने का मतलब है कि आम आदमी के अधिकारों को कुचलना। चंद लोगों ने मिलकर इन चारों संस्थाओं को बंधक बना लिया है। सुप्रीम कोर्ट के जज से लेकर विपक्ष के नेता तक, चुनाव आयुक्तों से लेकर आम आदमी तक हर किसी को कुचलने का प्रयास तेजी से जारी है. किसी की जासूसी, किसी की ब्लैक मेलिंग, किसी को जेल, किसी की हत्या, यह सब घटनाएं नहीं हैं यह सब हरकतें हैं। भारत नाम के देश पर हमला है, यह देश के संविधान पर हमला है और यह भारत की आत्मा पर हमला है. विश्वास नहीं है वह बर्बर किस्म के आक्रांता हैं जिन्हें किसी भी हद तक जाकर भारत पर कब्जा करना है।
अभी वक्त है संभल जाइए वरना अब जनता माफ करने वाली नहीं है। संविधान 19 ए अनुच्छेद के तहत हर भारत का नागरिक स्वतंत्र है, अपनी बात कहने का, मगर मौजूदा सरकार में आज कोई अपनी बात नहीं रख सकता।
आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सौरभ वर्मा, राजेंद्र वर्मा, आदर्श सिंह, अनीता यादव, विपिन पटेल, विश्रम कनौजिया, विनय प्रताप पटेल, लालमणि इंद्रावती, रामराजी, मोहम्मद सलमान, सेवाराम वर्मा, अंशुमान सिंह, उमाकांत गुप्ता, विकास मौर्य, संजय यादव, परचम अब्बास, संध्या, राजभर, निकेश कनौजिया, रामबरन प्रजापति, राम जागीर वर्मा, रामेश्वर कनौजिया, राम तीरथ विनोद, अरविंद तिवारी, खुशीराम यादव, सम्मिलित रहे।
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