नरेंद्र इंगले, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के जन्मदिवस पर जामनेर में NCP ब्लाक यूनिट की ओर से नेता संजय गरुड़ के हाथों सरकारी अस्पताल में मरीजों को फल वितरण किया गया. आज पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी जन्मदिन है. खैर किसी भी पार्टी के नेता का बर्थ डे हो सरकारी अस्पताल में जाकर मरीजों को फल फ्रूट बांटना फोटो खिंचवाना मीडिया में व्यापक मंगलकामनाओं वाला बयान जारी करना यह ट्रेंड कोई नया नहीं रहा. आम मतदाताओं पर ऐसे प्रोग्राम्स की छाप बैनेरबाजी और समाचार परोसी तक सीमित रहती है. इस तरह के इवेंटस को लेकर अखबारों की खबरें भी पहले से फ्रेम होती हैं बस उपस्थितों के नाम बढ़ते घटते हैं. इस तरह की खबरें टेबल न्यूज की शक़्ल में हफ्तेभर चलती हैं. पवार के जन्मदिन के दिन तहसिल के खादगांव और केकतनींभोरा इन दो गांवों के युवकों ने छोटी छोटी समस्याओं को लेकर आमरण अनशन का रास्ता अपनाया है. खादगांव निवासी गणेश भोईटे ने गांव के सरकारी भूखंड पर किए गैरकानूनी अतिक्रमण के निर्मूलन के लिए गुहार लगाई है. गणेश ने अतिक्रमण हटाने के लिए जिलाधीश के आदेश प्राप्त किए पर स्थानीय स्तर पर प्रशासन की ओर से अमल नही किया गया. केकतनींभोरा निवासी अशोक पाटील ने वाघुर बांध से जोड़कर गांव मे निर्मित पेयजलापूर्ति योजना के जांच की मांग को लेकर लेकर कहा है कि गांव को तत्काल नयी योजना से जलापूर्ति की जाए, गांव के अंदर की पुरानी पाइपलाइन को हटाकर नई बिछायी जाए, गांव को फिल्टर पानी की सप्लाई की जाए. अनशनकर्ताओ की मांगों पर गौर किया गया तो देखा जा सकता है कि दोनों मसलो मे पीड़ितों को स्थानीय प्रशासन से कोई न्याय नहीं मिल सका है और नागरिक होने के नाते उनको अनशन का रास्ता अपनाना पड़ा. लोकतंत्र के प्रहरियों द्वारा उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बर्थ डे को अनशन डे के रूप में भी मनाया जा सकता है.
बिजली दरों में कटौती की मांग
तालाबंदी के बाद महाराष्ट्र पूरे देश मे सबसे महंगी बिजली बेचने वाला राज्य बन चुका है . सरकार ने मनमाने बिजली बिलो पर 15 % लंबित ब्याज लगाकर आम जनता की जेब से जबरन बिल वसूल लिए है . कल जलापूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटील ने बिजली बोर्ड को आदेश दिए कि वसूली के लिए ग्राहको के कनेक्शन न काट . 40:30:30 का किश्तो वाला फार्मूला अपनाएं. वाकई आम आदमी को यह कितनी बड़ी सौगात है की वह अपने पसीने का पैसा वो सरकार के मनमाने बिल वसूली के लिए किश्तों में अदा करे चाहे उन्हें घर का कबाड़ बेचना पड़े या फिर साहूकारों को ब्याज चढ़ाना पड़े. जनता के मन में बिजली बिलों को लेकर प्रचंड आक्रोश है पर अगले विधानसभा चुनावों तक इंतजार के अलावा अन्य कोई विकल्प भी नहीं है. पवार- फडणवीस के जन्मदिवस पर आम नागरिकों की यही मांग है कि बिजली के हाई रेट शॉक से निजाद मिले.
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