अतीश दीपंकर, ब्यूरो चीफ, पटना (बिहार), NIT:
बिहार के भागलपुर जिला के कहलगांव के अधिवक्ता को कॉलर पकड़कर पुलिस के थाना ले जाने से आक्रोशित विधिज्ञ संघ ने एसडीओ कार्यालय के बाहर धरना दिया।धरना में अधिवक्ताओं में काफी आक्रोशित देखा गया। अधिवक्ताओं ने कहा कि, ऐसा लग रहा है जैसे संविधान समाप्त हो गया है, उक्त वकील को प्रताड़ित किया गया है। वकीलों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि वकील को प्रताड़ित नहीं किया जा सकता। वकीलों ने कहा कि पुलिस-प्रशासन अपनी चोरी छुपाने के लिए इस प्रकार के कार्य कर रही है जबकि वह स्वयं चोर है। उन लोगों ने पुलिस- प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए और कहलगांव थाना प्रभारी को सस्पेंड करने की भी मांग की।
इस संबंध में कहलगांव कोर्ट के बाहर पीड़ित अधिवक्ता पोरस मंडल से पूछे जाने पर बताया कि, बीती रात पुलिस 11 बजे दरवाजा खटखटा रही थी। हम लोगों ने छत से देखा लेकिन कोरोना का टीका लेने से फीवर होने के कारण दरवाजा खोलने में थोड़ी विलम्ब हो गई। जैसे ही मैं दरवाजा खोल कर घर से बाहर निकला तो पुलिस कॉलर पकड़कर कहलगांव थाने ले गई और 24- 25 घंटे थाना में मुझे रखा गया। उन्होंने कहा कि विधिज्ञ संघ के धरने के दबाव पर पुलिस मुझे छोड़ी , नहीं तो मैं जेल में रहता। जब उनसे यह पूछा गया कि पुलिस क्यों ले गई तो उन्होंने कहा कि पुलिस बिना कारण बताए मेरे घर रात में आई और मुझे ले गई। उन्होंने कहा कि पुलिस क्यों ले गई यह मैं नहीं जानता।
इस संबंध में कहलगांव थाना प्रभारी श्रीकांत भारती से गुरुवार को थाना में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके घर के दरवाजा खटखटाने के बाद भी वे 20 मिनट तक दरवाजा नहीं खोले जिससे उनके घर में रह रहे पिछले कांड के कई संदिग्ध भाग गए। अगर दरवाजा तुरंत खोला गया होता है तो संदिग्ध गिरफ्त में होते और कहलगांव में जो पिछले दिनों कांड हुआ था उसका भेद खुल सकता था। पूछ-ताछ के लिए उनको थाना लाया गया था।
वहीं इस संबंध में डीएसपी डॉ रेशु कृष्णा के कार्यालय में पूछे जाने पर वह कहीं कि, मामला सामने आने पर मैं स्वयं कहलगांव थाना गई और सारी समस्याओं को जाना और वकील को छुड़वाई।
घटना के बाबत पीड़ित वकील ने कहलगांव विविध संघ को आवेदन दिया है।
संघ के कोषाध्यक्ष केo डीo सिंह ने बताया कि, मामले को लेकर के पोरस मंडल ने कहलगांव विधिक संघ को आवेदन में कहा है कि रात के 11:00 बजे घसीटते हुए पुलिस मुझे थाना ले गई। वहां भी मानवता पूर्ण व्यवहार नहीं किया गया।
कोषाध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि इसे लेकर के हम लोगों धरना- प्रदर्शन किए और थानाध्यक्ष श्रीकांत भारती पर एफआईआर करके ने उन्हें हटाने की मांग की है।
वहीं संघ के अध्यक्ष विवेक कुमार खेतान ने कहा कि जानकारी मिलते ही सुबह कई अधिवक्ताओं के साथ कहलगांव थाना गए और वकील को छोड़ने की बात कही।
अब देखना यह है कि इस घटना के बाद संघ आगे क्या कदम उठाती है।
आपको बताते चलें कि स्थानीय पुलिस प्रशासन से नाराज कहलगांव विधायक पवन यादव ने भी कहलगांव डीएसपी को हटाने की मांग बिहार के उपमुख्यमंत्री से की है। पिछले दिनों पूर्व विधायक सदानंद सिंह ने भी कहलगांव की विधि व्यवस्था पर सवाल उठाए थे।
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