लियाकत शाह, बोदवड़/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
बोदवड तालुका के करंजी ग्राम पंचायत में सरपंच और ग्रामसेविका द्वारा 14 वित्त आयोग के धन के गबन के संबंध में उप सरपंच और सदस्य एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके संबंध में समूह विकास अधिकारी पंचायत समिति बोदवड के पास करंजी गांव के ग्राम पंचायत में गबन के संबंध में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी लेकिन मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा. उप सरपंच ने आरोप लगवाए के 14 वित्त आयोग की निधि परस्पर ठेकेदार के नाम पर वर्ग कर दी गई है. करंजी में 14वें वित्त आयोग ने सड़कों को पक्का करने का प्रस्ताव पारित किया था. सड़कों का कांक्रीटीकरण के नाम पर सिर्फ संबंधित ठेकेदार ने गांव में सड़क के लिए आवश्यक सामग्री जैसे बालू, सीमेंट आदि बिछा दी है और काम के नाम पर ग्राम सेवक और सरपंच की मिलीभगत से ठेकेदार के नाम पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया है. मामले की जांच के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जलगांव और समूह विकास अधिकारी पंचायत समिति बोदवड को लिखित निवेदन भी दिया गया था. इसी शिकायत को संज्ञान में लेते हुए जलगांव के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.ए बोटे ने समूह विकास अधिकारी बोदवड को लिखित जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और मामले की रिपोर्ट 3 दिन के भीतर जिला परिषद को सौंपने के आदेश दिए, अन्यथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला परिषद के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी बी.ए. बोटे ने समूह अधिकारी को लिखित आदेश भेजा है. इसी क्रम में उक्त कारंजी के सरपंच एवं सदस्यों ने पत्र देकर कहा है कि यदि पुख्ता कार्यवाई नही की जाती है तब वे 13 जुलाई को जिला परिषद के समक्ष भूख हड़ताल करेंगे.
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