अशफाक कायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:
बंगाल चुनाव मे कांग्रेस की बूरी गत होने के साथ ममता की जीत से राष्ट्रीय स्तर पर बनते नये समीकरणों के साथ साथ राजस्थान व पंजाब में कांग्रेस सरकार होने के उपरांत भी कांग्रेस विधायकों में जारी भारी असंतोष के बाद राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर संगठन में भारी बदलाव होने की सम्भावना जताई जाने लगी है। राजस्थान सहित अनेक प्रदेशों के अध्यक्ष व प्रभारी महामंत्रियों में बदलाव आ रहा है। वहीं राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला व मंत्रीमंडल में बदलाव भी आ सकता है.
कोराना काल के बावजूद कांग्रेस के ऊपरी स्तर पर इस सम्बंध मे काफी मंथन हो चुका है। मंथन में कांग्रेस के कुछ नेताओं के अलावा प्रियंका गांधी की भी महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। हाल ही में पंजाब के कुछ कांग्रेसी विधायकों में पनपे अंसतोष की खबरें बाहर आने के बाद राहुल गांधी सक्रिय हुये हैं। पंजाब के प्रभारी सचिव रहे राजस्थान कैबिनेट के एक सदस्य ने पंजाब के असंतुष्ट विधायकों से टेलिफोनिक बात करके उन्हें आश्वस्त करने की कोशिश की है। चर्चा तो यह भी है कि इस मंत्री ने उन विधायकों को उनके पास राहुल गांधी का फोन आने की बात भी बताई है। पंजाब के कुछ विधायकों से राहुल गांधी की टेलीफोन पर आज बात भी हुई बताते हैं।
भाजपा द्वारा बंगाल चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकने के बाद भी ममता द्वारा फिर से सरकार बनाने व 2022 में हरियाणा व यूपी के चुनाव में किसान आंदोलन की भूमिका प्रभावी लगने की सम्भावना से राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दिन जुलाई में फिर सकते हैं। जुलाई से वसुंधरा राजे को पार्टी स्तर पर होने वाले फैसलों में अहमियत मिलती नजर आयेगी।
कुल मिलाकर यह है कि राजनीतिक हलकों में जारी चर्चा के अनुसार अनेक प्रदेशों के कांग्रेस अध्यक्ष व प्रभारी महामंत्रियों मे बदलाव आयेगा। वहीं सत्ता बचाये रखने के लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अब समझौते के मूड में आ गये हैं। राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला जल्द शुरू होगा। मंत्रीमंडल में बदलाव भी जून माह में हो सकता है।
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