आंगनबाडी कार्यकर्ताओं से कराया जा रहा ग्रामों में कोरोना पॉजीटिव मरीजों का सर्वे व कोरोना सेम्पलिंग, बिना सुरक्षा के साधन के जान जोखिम में डाल कर कर रही हैं कार्यकर्ता आदेश का पालन | New India Times

त्रिवेंद्र जाट/राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

आंगनबाडी कार्यकर्ताओं से कराया जा रहा ग्रामों में कोरोना पॉजीटिव मरीजों का सर्वे व कोरोना सेम्पलिंग, बिना सुरक्षा के साधन के जान जोखिम में डाल कर कर रही हैं कार्यकर्ता आदेश का पालन | New India Times

देवरी में जनपद पंचायत द्वारा कोविंड 19 से बचाव व सुरक्षा के लिये सभी 70 ग्राम पंचायतों के लिये जनपद पंचायत द्वारा 15/4/2021 को आदेश जारी किया गया है जिसमें आंगनवाडी कार्यकर्ताओं व आशा कार्यकर्ता की ड्यूटी लगाई गई है जिसमें आदेश अनुसार आंगनवाडी कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ताओं को पूरे ग्राम पंचायतों के ग्रामों में कोरोना पॉजीटिव मरीजों की व उनके परिवार की जानकारी तथा ग्राम में अस्वस्थ लोगों की जानकारी सर्वे दल के रूप में जाकर सर्वे अनुसार प्रतिदिन जानकारी रिपोर्ट ग्राम पंचायतों में देनी होगी व डोर टू डोर सर्वे के साथ ही ग्राम पंचायतों के लोगों की कोरोनो सेम्पलिंग कार्य में मदद करनी होगी. देवरी जनपद पंचायत के आदेशानुसार समस्त आंगनवाडी कार्यकर्ताएं अपने ग्राम पंचायतों के ग्रामों में सर्वे व सेम्पलिंग में मदद कर रही हैं जिसमें देखा गया कि ग्राम पंचायत ककरी बेलखेडी, सिमरिया हर्रा खेडा, कोपरा, जैतपुर पिपरिया, गौरझामर, मढी जमुनिया, अनंतपुरा, मोकला, मुडेरी, कुसमी, सुना रहली आदि पंचायतों में आंगनवाडी कार्यकर्ता महिलायें आशा कार्यकर्ता के साथ ड्यूटी के दौरान ग्रामों में घर घर जाकर सर्वे कर रही हैं जिनमें आशा कार्यकर्ताओं को तो प्रशासन ने कोरोना से सुरक्षा के लिये गिल्फज सेनेटाईजर व मास्क दिये मगर आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को न मास्क दिया गया न सेनेटाईजर न ही गिल्फज व कोई कोरोना बचाव संवंधी किट दी गई, सभी ग्रामों में आंगनवाडी कार्यकर्ता महिलायें अपनी जान जोखिम में डाल कर बिना सुरक्षा साधन के घर घर जाकर सर्वे करती नजर आ रही हैं और प्रशासन को इन कार्यकर्ताओं की कोई चिंता नहीं उनको बिना सुरक्षा साधन दिये कोरोना पॉजीटिव व्यक्ति व परिवार का तथा अस्वस्थ लोगों का सर्वे कर रिपोर्ट बनाने घर घर भेजा जा रहा है. प्रशासन को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिये कि इनको सुरक्षा के साधन उपलब्ध कराये तब ही सर्वे करने भेजा जाये नहीं तो किसी के साथ कोई बड़ी घटना घटित होगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा महिला बाल विकास परियोजना विभाग या जनपद पंचायत विभाग? अब देखना यह है कि प्रशासन क्या कदम उठाता है या किसी बड़ी घटना का इंतजार करता है.


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