संदीप तिवारी, ब्यूरो चीफ, पन्ना (मप्र), NIT:
अमानगंज तहसील अंतर्गत ग्राम द्वारी में जन्मे पुष्पेंद्र द्विवेदी भारतीय सेना में अपने 17 वर्षों की सेवा देने के पश्चात सेवानिवृत्त होकर अपने गृह ग्राम द्वारी पहुंचे। पुष्पेंद्र द्विवेदी सन् 2004 में इंडियन आर्मी में भर्ती हुए थे इन्होंने अपने सेवा काल के दौरान नासिक महाराष्ट्र, अंबाला हरियाणा, ऊधमपुर जम्मू-कश्मीर, पठान कोट पंजाब, दिल्ली और फिर पुनः ऊधमपुर जम्मू-कश्मीर में 17 बर्षों तक भारतीय सेना में रहकर देश सेवा की। देश का जवान कड़कड़ाती ठंड, मूसलाधार बरसात और तपती गर्मी में अपने देश की रक्षा के लिए सब कुछ न्यौछावर करने का संकल्प लेकर लगातार दुश्मनों के सामने अपना सीना ताने मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित रहता है। ऐसा हौंसला, जज्बा और जुनून को देश सलाम करता है। जब इस देश के जवान से रुबरु चर्चा का मौका मिला तो जाना कि वह कौन सी ऐसी ताकत है जो जवान को इतना हौंसला देती है तो उन्होंने अपने सरल स्वभाव से कहा – मातृ प्रेम। क्योंकि भारत भूमि हमारी माता है और माता की रक्षा और सेवा हर भारतीय का धर्म है। देश को सर्वोपरि मानते हुए जवान पुष्पेंद्र द्विवेदी अपने सेना में बिताए सुखद अनुभव का जिक्र करते हुए कहते हैं कि यह युवाओं के लिए कैरियर के साथ साथ मातृभूमि का कर्ज अदा करने का सुनहरा अवसर है
कटनी से शाहनगर होते हुए सिमरिया पहुंचे काफिले का स्थानीय लोगों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। काफिला सिमरिया से अमानगंज पहुंचा, जहाँ भगत सिंह तिराहा पर ढोल नगाडो की धूम के साथ शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सभी ईष्ट जनों ने फूल माला पहनाकर जवान पुष्पेंद्र द्विवेदी का आत्मीय स्वागत किया। अपने निज ग्राम द्वारी पहुंचे जवान का ग्रामीणों ने ढोल नगाड़े, आतिशबाजी व फूलों की वर्षा कर अपने लाल का खुले मन से स्वागत किया। जवान के परिवार जन, सगे संबंधी, मित्र बंधु भाई पुष्पेंद्र की सकुशल घर वापसी पर फूले नहीं समा रहे थे। पुष्पेंद्र के पिता राकेश द्विवेदी, माता सीता देवी ने अपने कलेजे के टुकड़े को सीने से लिपटाए रखा। सेवानिवृत्ति के बाद जवान पुष्पेंद्र द्विवेदी का कहना है कि अब वह समाज सेवा के साथ साथ अपने क्षेत्र के युवाओं को भारतीय सेना की ओर अग्रसर करेंगे।
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