सीएमएस साहब जरा डॉक्टर साहब को बताइए कि शासनादेश है क्या | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

सीएमएस साहब जरा डॉक्टर साहब को बताइए कि शासनादेश है क्या | New India Times

आपको लगातार खबरें मिलती रही हैं कि डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारियों के साथ आए दिन मारपीट की घटनाएं होने लगी हैं, यही कारण है कि पिछले दिनों देश भर के डॉक्टरों ने हड़ताल की थी जिन्होंने सुरक्षा की मांग की थी लेकिन आज तक उनकी मांग पूरी नहीं होने पर घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले दिनों 13 मार्च 2021 को सुबह के करीब 10:00 बजे अंबेडकर नगर जिला अस्पताल में एक डॉक्टर और वार्ड इंचार्ज के साथ हुई मारपीट के बाद न्याय ना मिलने से मौजूद लोगों ने डॉ प्रदीप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मौजूद अस्पताल के कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए बताया कि डॉ प्रदीप अपने आगे कुछ नहीं समझते, साफ तौर पर शासन के आदेश में लिखा हुआ है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की अनुपस्थिति में अनधिकृत कोई भी कर्मचारी द्वारा मरीजों को दवा आदि देने की अनुमति नहीं दिया जाता है अगर इस तरह पाया गया तो जिम्मेदार डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, उसके बावजूद भी डॉ प्रदीप अपने साथ प्राइवेट व्यक्तियों को लेकर जिला अस्पताल वार्ड में चलते हैं अस्पताल में अपनी हनक दिखाते हैं। वार्ड इंचार्ज बांके प्रसाद ड्यूटी पर तैनात थे इसी दौरान मामूली सी बात को लेकर इनके साथ डॉ प्रदीप अभद्रता करते हुए मारपीट कर दी।

सीएमएस साहब जरा डॉक्टर साहब को बताइए कि शासनादेश है क्या | New India Times

बताते चलें कि महात्मा ज्योतिबा फुले संयुक्त जिला चिकित्सालय के वार्ड संख्या एक में बीते शनिवार 13 मार्च को पूर्वान्ह ऑर्थो सर्जन व वार्ड प्रभारी आपस में भिड़ गए थे।जिसकी जानकारी होने के बाद सीएमएस डॉ ओमप्रकाश ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जाँच करने के आदेश दिए। वार्ड प्रभारी बांके प्रसाद का कहना है कि डॉ प्रदीप प्रभावशाली व्यक्ति हैं जिन्हें कारणों से सीएमएस इन पर कार्रवाई नहीं कर रहे है, मामला तूल पकड़ते देखते ही अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।इस सम्बंध में वहा उपस्थित कई लोगों से पूछताछ भी की।जानकारी के अनुसार हड्डी रोग से संबंधित मरीजों की जानकारी के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रदीप ने अपने किसी सहकर्मी को वार्ड में भेजा था लेकिन वार्ड प्रभारी बांके प्रसाद ने उसे फाइल व कोई अन्य जानकारी देने से मना कर दिया। बांके प्रसाद ने कहा आप हो कौन इस संबंध में हम डॉक्टर से बात करेंगे डॉ प्रदीप के गुर्गों की शिकायत पर डॉ प्रदीप ने जब बांके प्रसाद से जानकारी न देने का कारण पूछा तो दोनों के मध्य वाद विवाद शुरू हो गया। हाथापाई के दौरान प्रभारी व के प्रसाद का चश्मा भी टूट गया ब्लड प्रेशर और शुगर हाई होने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई।
सबसे बड़ा सवाल क्या कोई डॉक्टर अपने साथ प्राइवेट आदमियों को लेकर मरीजों का इलाज कर सकता है? क्या शासन के आदेश में है अगर नहीं तो फिर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रदीप द्वारा गुर्गों को ले जाकर अस्पताल में हनक क्यों बनाई जा रही है?


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading