मेहलका इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

विशेष सत्र न्यायालय, बुरहानपुर के न्यायधीश श्री.के.एस. बारिया (लैगिंक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012) द्वारा आरोपी विजय पिता राजू उम्र 23 वर्ष, निवासी खकनार को धारा 363 भादवि में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रू का अर्थदंड, 366 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रू का अर्थदंड, 376(2)(एन) में आजीवन कारावास एवं 10000 रू का अर्थदंड, लैगिंक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के लिये आजीवन कारावास एवं 5000 रू का अर्थदंड से दंडित किया। विशेष लोक अभियोजक श्री रामलाल रन्धावे द्वारा बताया कि फरियादी ने दिनांक 18.04.2017 को आरक्षी केन्द्र खकनार पर इस आशय की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करायी की दिनांक 17.04.2017 को रात में करीबन 9 बजे खाना खाकर सभी परिवार के लोग घर में सो गये थे और करीब सुबह 7.00 बजे सोकर उठे तो फरियादी की पत्नि ने बताया की अभियोक्त्री कहीं दिख नहीं रही है तो फरियादी ने कहा की संडास के लिये बाहर गई होगी आ जायेगी, परन्तु अभियोक्त्री नहीं आई तो फरियादी ने गांव में व रिश्तेादारों में अभियोक्त्रीे की तलाश की लेकिन वह नहीं मिली. फरियादी की लडकी (अभियोक्त्री) को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया है. विवेचना के दौरान अपहर्ता अभियोक्त्री को दस्तयाब कर पुछताछ करने पर अभियोक्त्री द्वारा बताया गया की दिनांक 17.04.2017 को रात्री करीब 7.00 बजे आरोपी विजय पिता राजू ने अभियोक्त्री को खेत में मुर्गी फार्म के पास बुलाया और अभियोक्त्री से बोला चलो भाग कर शादी कर लेंगे फिर वह लोग खंडवा गये फिर आरोपी अभियोक्त्री को राजकोट लेकर गये वहा पर बार-बार आरोपी द्वारा अभियोक्त्री के साथ खोटा काम करता था। फरियादी की उक्त गुमशुदगी के आधार पर आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 120/2017 के अन्तसर्गत धारा 363, 366, 376(2)(एन), 506 भादवि एवं लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एल), 6 का अपराध दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
प्रकरण में सफलतापूर्वक पैरवी करते हुये विशेष लोक अभियोजक श्री रामलाल रन्धावे ने की। विशेष सत्र न्यायालय श्री. के. एस. बारिया (लैगिंक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012) बुरहानपुर द्वारा आरोपी विजय पिता राजु उम्र 23 वर्ष, निवासी खकनार को धारा 363 भादवि में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रू का अर्थदंड, 366 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रू का अर्थदंड, 376(2)(एन) में आजीवन कारावास एवं 10000 रू का अर्थदंड, लैगिंक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के लिये आजीवन कारावास एवं 5000 रू के अर्थदंड से दंडित किया।
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