मंगलवार बंदी को लेकर S.D.M हुए सख्त, पालन ना करने वाले दुकानदारों पर होगी कार्रवाई | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

मंगलवार बंदी को लेकर S.D.M हुए सख्त, पालन ना करने वाले दुकानदारों पर होगी कार्रवाई | New India Times

अकबरपुर शहर में कई दुकानदार और शोरूम मालिक साप्ताहिक मंगलवार बंदी का पालन नहीं कर रहे हैं। मंगलवार को साप्ताहिक बंदी का दिन होने के बावजूद कई प्रतिष्ठान खुले रहे। प्रशासन और श्रम कार्यालय के अधिकारियों की लापरवाही से साप्ताहिक बंदी की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
कानून का पालन करने वाले दुकानदारों का कहना….
व्यापारियों की शिकायत यह है कि कई दुकानें खुली रहती है क्या कानून का पालन सभी के लिए है या कुछ चुनिंदा लोगों के लिए.
इस संबंध में अकबरपुर सदर एसडीएम मोइनुल इस्लाम ने बताया कि श्रम अधिकारी को इस संबंध में अवगत कराकर कड़ाई से पालन करवाया जाएगा, ऐसा ना करने वालों पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी होगी। सीओ सिटी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि शासन और प्रशासन के आदेश का पालन ना करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम और नियमावली के तहत शहर में मंगलवार को साप्ताहिक बंदी का दिन तय किया है। लेकिन साप्ताहिक बंदी का पालन नहीं किया जा रहा है। कुछ बड़े व्यापारि सत्ता की हनक पर दुकान खोल कर रखते हैं।
मंगलवार को शहजादपुर मार्केट, चौक मार्केट, लोहा मंडी, मुख्य बाजार, दोस्तपुर मार्केट, बाइपास रोड आदि बाजारों में कईं दुकानों के साथ ही बड़े शोरूम भी खुले रहे। हद तो तब होती है जब अधिकारियों की गाड़ी इन्हीं बाजारों से होकर गुजरती है और कार्रवाई तक नहीं होती।
मुख्य बाजार में दुकानों के आगे ठेला और फड़ दुकानें सजी रहीं। इस कारण बाजार में कई स्थानों पर लोगों को गुजरने में दिक्कतें हुईं। साप्ताहिक बंदी के दिन दुकानें खुलने से दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों का भी उत्पीड़न होता है।
इस संबंध में प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष केवल नाम के हैं कि कुछ वर्ष पूर्व तक प्रशासन और श्रम विभाग की सख्ती के कारण साप्ताहिक बंदी के दिन दुकानें बंद रहती थीं, लेकिन वर्तमान में प्रशासन और श्रम विभाग की लापरवाही के कारण फिर से साप्ताहिक बंदी के दिन दुकानें खुलने लगी। साप्ताहिक बंदी के दिन दुकानें बंद करने का नियम है। यदि कोई व्यापारी दुकान खोलता है तो चालान किया जाएगा। यह बातें श्रम विभाग के निरीक्षक लगातार कहते चले आ रहे हैं मगर कार्रवाई के नाम पर सिफर।


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