रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

इंदौर पब्लिक स्कूल गडवाड़ा झाबुआ द्वारा अपने परिसर में आत्म सुरक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय कराटे टीम के कोच और विश्वामित्र अवॉर्डी, अमेच्योर कराते एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष और साथ ही चीफ कोच टीटी नगर स्टेडियम भोपाल, शिहान जयदेव शर्मा सर और कराटे एसोसिएशन ऑफ़ झाबुआ के प्रेसिडेंट अमेच्योर कराटे एसोसिएशन मध्य प्रदेश के वाइस प्रेसिडेंट उमंग सक्सेना एडवोकेट तथा साथ ही साथ सेंसाई बलवंत सिंह देवड़ा सर जो मिक्स मार्शल आर्ट के ब्रांड एंबेसडर हैं और रतलाम जिला कराते एसोसिएशन के सेक्रेटरी के पद पर आसीन हैं ने कार्यक्रम में उपस्थित कक्षा छठी से लेकर आए हुए बच्चों, महिलाओं, पुरुष सभी को आज की विपरीत परिस्थितियों में जरूरत पड़ने पर अपनी शारीरिक सुरक्षा किस प्रकार करनी है, का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
शिहान जयदेव शर्मा सर ने बच्चों को बताया कि आज आत्मरक्षा के लिए कराटे मार्शल आर्ट आना जरूरी नहीं है बल्कि जागरूकता तथा तत्काल निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए।
उन्होंने लड़कियों को बताया कि अपने पास होने वाली सामान्य चीजों को भी आप एक हथियार के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने मोबाइल हेयर पिन, पेन, नाखून तथा दुपट्टे का प्रयोग हथियार के रूप में कैसे कर सकते हैं कि उपाय बताए।
उन्होंने लड़कों को भी इन परिस्थितियों से दूर रहने की समझाइश दी। बलवंत देवड़ा सर ने 15 तकनीकों द्वारा आत्मरक्षा के गुर बच्चों को सिखाए।
इस कार्यक्रम में मेघनगर, पारा, राणापुर, झाबुआ तथा इंदौर पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों व बच्चों ने ने हिस्सा लेकर आत्मरक्षा के गुर सीखे।
विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती दीप्ति शरण महोदया ने सभी अतिथियों और बच्चों को प्रशिक्षण कार्यक्रम से सीख लेकर सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया और यह कहा कि यह जीवन में कहीं ना कहीं इस प्रकार का प्रशिक्षण अवश्य काम आता है इसीलिए हम इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोजाना अपने जीवन में उपयोग करते रहें और साथ ही साथ अपने आसपास के लोगों को भी प्रशिक्षित करें और सभी उपस्थित प्रशिक्षण कर्ताओं का धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शुभा गुप्ता द्वारा किया गया और कार्यक्रम को संचालित करने में विद्यालय के कराते कोच सूर्य प्रताप सिंह ठाकुर वह सभी शिक्षक – शिक्षिकाओं और विद्यालय के समस्त स्टाफ का सहयोग रहा।
यह झाबुआ जिले के इतिहास में पहला इस प्रकार का प्रशिक्षण कार्यक्रम था, जिसमें आज के समय में किस प्रकार अपनी सुरक्षा की जाए का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
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