गुलशन परूथी, दतिया (मप्र), NIT:
शासकीय मेडिकल कॉलेज दतिया में महिलाओं में होने वाले कैंसर के विषय में एक संगोष्ठी का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ रेडियोथेरेपी एंड क्लिनिकल ऑंकोलॉजी के द्वारा किया गया। इसमें कॉलेज के अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉक्टर राजेश गौर ने बताया की महिलाओं में होने वाले कैंसर का अगर प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाए तो उनको पूरी तरीके से ठीक किया जा सकता है, लेकिन समाज में फैली भ्रांतियों के कारण अभी भी 70 से 80% मरीज तीसरी और चौथी अवस्था में दिखाने आते हैं जिससे उनका इलाज मुश्किल हो जाता है। इस परिचर्चा में भाग लेते हुए कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ विजय चौधरी ने बताया की मेडिकल कॉलेज दतिया में वह सारे टेस्ट होते हैं जिनसे स्त्री रोग संबंधी कैंसर का पता प्रारंभिक अवस्था में लगाया जा सकता है। जैसे सी ए 123 पॉजिटिव होने के बाद 10 से 15 साल में गर्भाशय का कैंसर हो सकता है लेकिन यहां पर पैप स्मीयर टेस्ट से इसका पता लगाया जा सकता है और प्रारंभिक अवस्था में इसका संपूर्ण निदान किया जा सकता है। डॉक्टर श्वेता यादव विभागाध्यक्ष स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग ने बताया कि महिलाओं में होने वाली स्त्री रोग संबंधी समस्त समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए, यहां पर हर तरीके की सर्जरी संभव हैं, उसमें चाहे वह गर्भाशय का हो या अंडाशय का हो, कहीं का भी कैंसर सर्जरी द्वारा प्रारंभिक स्थिति में आसानी से निकाला जा सकता है। मेडिकल कॉलेज दतिया के सह आचार्य कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉक्टर सचिन सिंह यादव ने बताया की महिलाओं में 90% गर्भाशय के मुख का कैंसर पाया जाता है जिस का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस होता है जबकि इसका टीका भी आता है जो 7 वर्ष से 15 वर्ष की लड़कियों को लगाया जाता है और इस भयावह रोग से बचा जा सकता है। डॉक्टर शैलेंद्र मझवार, मेडिसिन विभाग ने कैंसर में पैलिएटिव मेडिसिन की उपयोगिता के बारे में बताया उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज में दवाओं के साथ परिवार के सहयोग की भी बहुत आवश्यकता होती है। अंत में संगोष्ठी के आयोजक डॉ चक्रपाणि अवस्थी सहायक प्राध्यापक रेडियो थेरेपी ने स्त्रियों में होने वाले समस्त स्त्री रोग संबंधी कैंसर जैसे गर्भाशय, अंडाशय, एंडोमेट्रियम वजाइना और वल्वा में होने वाले कैंसर और उनके बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी, इसके अलावा उन्होंने कैंसर में होने वाले दर्द के विषय में सबको अवगत कराया की कैंसर में होने वाले दर्द को हमेशा गंभीरता से लेना चाहिए इसके साथ ही यह जानकारी दी कि दतिया मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोगियों का इलाज होता है जिसमें डीन साहब के सहयोग से कीमोथेरेपी यूनिट की स्थापना की गई है। इस परिचर्चा में कॉलेज के सीएमएस डॉक्टर अर्जुन सिंह एवं चिकित्सालय के एम एस डॉक्टर एसएन शाक्य के साथ कॉलेज के सभी विभागाध्यक्ष और समस्त डॉक्टरों ने भाग लिया। अंत में डॉ प्रशांत हरित और डॉक्टर कपिल देव आर्य ने सबको धन्यवाद देते हुए संगोष्ठी का समापन किया।
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