गुलशन परूथी, दतिया (मप्र), NIT:
श्रीमती रेखा महरोलिया राज्य शासन की योजना की मदद एवं अपनी लगन तथा मेहनत के कारण नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी है।
दतिया जनपद पंचायत के ग्रामीण झड़िया की अनुसूचित जाति वर्ग की युवा महिला श्रीमती रेखा महरोलिया ने कृषि विज्ञान केन्द्र दतिया के प्रदर्शन कार्यक्रम के माध्यम से मिले 25 कड़कनाथ के चूजों से अपना मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया। उनकी लगन, मेहनत एवं सरकार की मदद से आज उनका मुर्गी पालन का व्यवसाय रोजगार का जरिया बन गया है। इस व्यवसाय से उन्हें प्रतिमाह 5 से 7 हजार रूपये की आमदनी घर बैठे हो रही है और वह आत्म निर्भर बनकर महिला सशक्तिरण की मिसाल पेशन की है।
श्रीमती रेखा का कहना है कि एक वर्ष पूर्व उन्हें दतिया के केव्हीके माध्यम से कड़कनाथ प्रजाति के 25 चूजें और एक माह का दाना निःशुल्क प्राप्त हुआ था आज उनके चूजें बड़े होकर मुर्गा-मुर्गी बन गए है। इन्हंे बेचने से साधारण मुर्गे-मुर्गियों की अपेक्षा अधिक दाम मिल रहे है। श्रीमती रेखा ने बताया कि एक मुर्गे एवं मुर्गी को 1500 रूपये से लेकर 2000 रूपये तक लोग उनके घर से खरीदकर ले जा रहे है। मुर्गियों से मिलने वाले अण्ड़े भी 20 से 25 रूपये प्रति अण्ड़े के दाम से बेच रहे है। मुर्गी पालन के इस व्यवसाय से प्रति माह 5 से 7 हजार की घर बैठे आमदनी हो हो रही है। जिससे इनके चार सदस्यीय परिवार का भरण-पोषण बेहतर तरीके से होने से परिवार खुशी-खुशी जीवन व्यतीत कर रहा है। उनका कहना है कि सरकार की स्वरोजगार योजनाओं का लाभ लेकर वह इस व्यवसाय को और आगे बड़ाना चाहती है। श्रीमती रेखा ने बताया कि कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गे के मांस एवं अण्ड़ों में पोषण तत्व भरपूर मात्रा में होता है जो शरीर में विभिन्न रोगों से लड़ने की क्षमता भी पैदा करता है। उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय के साथ वह अंगे्रजी सूकर पालन भी कर रही है जिससे भी उन्हें अतिरिक्त आय मिल रही है।
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