वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
नगर में जमकर बुलेट से पटाखे दगाएं जा रहे हैं और थाना के प्रभारियों ने कानों में रुई व आंखों पर पट्टी बांध रखी है। जबकि पलिया क्षेत्र वासियों को अचानक तेज आवाज से दगानें वाली बुलट से रुबरु होना पड़ रहा है। वहीं स्कूल कॉलेजों की छुट्टी होने पर सड़कों पर ज्यादातर आवाज सुनी जाती हैं मुख्य सड़कों और मोहल्लों में ऊंची आवाज के साथ बुलेट मोटरसाइकिल द्वारा पटाखे मारने वाले मनचलों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वे मौजूदा कानून को जहां ठेंगा दिखाते हैं, वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं। अमीरजादे घरानों के ये बिगड़ैल नौजवान जब मोटरसाइकिल पर 3-3 की संख्या में बिना सोशल डिस्टेंसिंग व मांस्क के बैठालकर तेज गति से पटाखे मारते हुए गुजरते हैं, तो आसपास के लोगों के कान भी पटाखों की गूंज के कारण ‘सुन्न’ पड़ जाते हैं। पहले तो मोटरसाइकिल पर पटाखे मारने वाले नौजवान को कोई कुछ कहने की हिम्मत नहीं रखता, अगर कोई हौसला करके कुछ कहता है, तो वे उनके साथ भले ही वह कितना भी बुजुर्ग क्यों न हो, उससे भी लडऩे को उतारू हो जाते हैं और चंद मिनटों में लड़कों की भीड़ जमा हो जाती है। इन नौजवानों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि कुछ नौजवानों के परिवार भी इनके आगे बेबस हैं। जबकि जिस स्कूल में यह लोग पढ़ रहे हैं उनके प्रिंसिपल भी ऐसे लड़कों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है, इन बिगड़ैल लड़कों को ना तो कोरोना का भय है और न ही यह किसी नियम कानून को फोलो करते हैं।
मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद हमारी पुलिस भी कुछ समय के लिए हरकत में आती है और खानापूर्ति व मीडिया में खबर प्रकाशित करवाने के लिए केवल 1-2 दिन कार्रवाई जारी रखती है, परंतु फिर से पहले वाले हालात पैदा हो जाते हैं। उल्लेखनीय है कि माननीय हाईकोर्ट ने भी ऐसे तेज आवाज वाले पटाखे वाले साइलैंसर पर पाबंदी लगाई हुई है, परंतु पलिया पुलिस की कथित तौर पर कमजोर कार्यप्रणाली भी इन आदेशों के आगे बौनी साबित होती है। उदाहरण के तौर पर जब से पलिया के थाना प्रभारी भानुप्रताप आए हैं तब से नगर में क्राइम अपने पूरे चरम पर है। कालेजों और स्कूलों के समय लोगों की ओर से बार-बार पुलिस गश्त लगाने की मांग भी ठंडे बस्ते में पड़ जाती है, जिस कारण विशेष तौर पर जो स्कूलों के नजदीक जो लोग रहते हैं, वे बहुत परेशान हैं। इलाका निवासियों ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि इन मोटरसाइकिलों पर पटाखे मारने वाले नौजवानों पर लगातार अभियान चलाकर इन पर काबू पाया जाए।
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