सशक्त महिला से समाज जागरूक होता है। आदिवासी क्षेत्र सारोला में आयोजित हुआ महिला विधिक जागरूकता शिविर | New India Times

मेहलका अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

सशक्त महिला से समाज जागरूक होता है। आदिवासी क्षेत्र सारोला में आयोजित हुआ महिला विधिक जागरूकता शिविर | New India Times

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देश अनुसार एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के समन्वय से जिला एवं सत्र न्यायाधीश बुरहानपुर एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री वीरेंद्र पाटीदार के मार्गदर्शन में आदिवासी बहुल क्षेत्र सारोला में महिलाओं को जमीनी स्तर पर विधिक रुप से जागरूक करने के उद्देश्य जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बुरहानपुर द्वारा 23 सितंबर 2020 बुधवार को प्रातः 11:00 डॉक्टर अंबेडकर भवन में ” विधिक जागरूकता से महिलाओं का सशक्तिकरण” विषय पर विशेष महिला विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री नरेंद्र पटेल, जिला विधिक सेवा अधिकारी बुरहानपुर एवं खंडवा श्री चंद्रेश मंडलोई, रिसोर्स पर्सन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अब्दुल वकील खान, अधिवक्ता सुरेखा आमले एवं ग्राम पंचायत के सरपंच श्रीमती अनुसूया गोपाल के कर कमलों से दीप प्रज्वलन कर किया गया। शुभारंभ के अवसर पर महिला एवं बाल विकास परियोजना पर्यवेक्षक, पैरा लीगल वालंटियर श्री राजू भवरे, श्री जितेंद्र जामुनदे एवं अन्य ग्रामवासी महिलाएं उपस्थित रहीं। अपने संबोधन में माननीय नरेंद्र पटेल ने कहा कि विधिक जागरूकता से ही महिलाओं का सशक्तिकरण संभव है और सशक्त महिला से समाज में जागृति आती है। इसी उद्देश्य आज राष्ट्रीय महिला आयोग के समन्वय से महिलाओं के लिए यह विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्राय यह देखा गया है कि महिलाएं अपने अधिकारों के लिए कानून के ज्ञान के अभाव के चलते आवाज नहीं उठा पाती हैं, इसी के चलते वह कई तरह की प्रताड़नाओं का सामना करती हैं। ऐसे में विधिक सेवा संस्था उन्हें न्याय दिलाने के लिए दीनबंधु होने का कार्य करती है। इस अवसर पर श्री पटेल ने कहा कि जो व्यवहार हमें पसंद नहीं है वह दूसरों के साथ नहीं करना चाहिए। इस अवसर पर खंडवा एवं बुरहानपुर के विधिक सेवा अधिकारी श्री चंद्रेश मंडलोई ने उपस्थित महिलाओं को दहेज प्रतिषेध अधिनियम, पोस्को एक्ट, विवाह की आयु के बारे में जानकारी देते हुए विधिक सहायता के महत्व को समझाते हुए बताया कि महिलाएं कानून के प्रति जागरूक होंगी तभी अपने हितों एवं अधिकारों का उपयोग भली-भांति कर सकेंगी। इस अवसर पर रिसोर्स पर्सन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अब्दुल वकील खान एवं अधिवक्ता श्रीमती सुरेखा आमले ने उपस्थित महिलाओं को संविधान के मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य के साथ-साथ लज्जा भंग, दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा, भ्रूण हत्या, लैंगिक शोषण, पास्को एक्ट, दहेज हत्या, भरण पोषण कानूनों की विस्तृत जानकारी देकर अवगत कराया। महिलाओं से संबंधित कानूनों की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई एवं मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकार योजना का लाभ लेने की बात कही गई। शिविर में पोषण आहार महा अंतर्गत पोषण आहार तालिका आयोजन हुआ जिसमें पर्यवेक्षिका श्रीमती लीला मकवाना एवं श्रीमती ज्योति माली द्वारा आहार बनाने का तरीका पोषाहार व्यंजन का प्रदर्शन भी किया गया। ज्योति माली द्वारा प्रतिभागिकाओं को पोषण आहार के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं द्वारा महिलाओं को दी गई कानूनी विधिक योजनाओं की जानकारियों के संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बुरहानपुर के अधिकारी चंद्रेश मंडलोई द्वारा पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर देने पर मंच से अधिकारियों द्वारा महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया। इस जागरूकता शिविर में 60 महिलाओं ने भाग लिया, जिन्हें कोरोना महामारी के निर्धारित प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुए प्रवेश दिया गया। कार्यक्रम का संचालन लोकेश स्वामी ने किया तथा पंचायत सचिव श्री अनिल महाजन ने आभार प्रदर्शन किया।


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