इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:
एक बार फिर नगरपालिका परिषद दमोह प्रधानमंत्री आवास योजना लो लेकर सवालों के घेरे में है। इस बार अधिकारियों की मिली भगत का मामला उजागर हुआ है।
आवास योजना की राशि कुटीर रसूदारों को दे दी गई। जब मामला मीडिया ने उठाया तब मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा अब गलत तरीके से जारी हुई कुटीर की ढाई लाख की राशि फर्जी हितग्राही से वापस लेने एवं उसे नोटिश जारी करने की बात कही जा रही है। अब जो मामला सामने आया है वह दमोह नगर के फुटेरा वार्ड 5 का है जहाँ जिनके पक्के मकान थे उन्हेंअधिकारियों की मिलीभगत से कुटीर और आवास योजना का हक़दार बना दिया गया और जो असल पात्र थे उन्हें अपात्र की श्रेणी में रखा गया जो आज भी नगरपालिका के चक्कर लगा रहे हैं। वार्ड पार्षद शादाब खान ने भी स्वीकार कर ही लिया कि गलती तो हुई है लेकिन हमने नहीं बल्कि अधिकारियों ने ये सारा खेल खेला है। इस संबंध में हमारे संवाददाता इम्तियाज़ चिश्ती ने दमोह में इस योजना के मास्टरमाइंड नगरपालिका के जिम्मेदार सीएमओ कपिल खरे जो कई वर्षों से दमोह में अंगद की तरह जमे बैठे हैं उनसे इस मामले का जबाब माँगा तो जनाब बगलें झाँकने लगे और आखिर उन्हें भी बोलना पड़ा कि हम ऐसे मकान मालिक के ख़िलास नोटिस देकर उनसे राशि वापस करायेंगे।
दमोह नगरपालिका ने प्रधानमंत्री आवास योजना का ऐसा मज़ाक बनाया की इस बारिश में सबकी कलई खुल गई जिन्हें नगरपालिका ने अपने सर्वे में कच्चा मकान बताया था वो इस बारिश में भी वर्षों से पक्के बने हुए है जो आज भी खड़े है और जिन्हें पक्का बताया था आज वो कच्चे मिट्टी के मकान ताश के पत्तों की तरह झड़ रहे हैं लेकिन इन मकान का नंबर आज भी नहीं आया। फुटेरा वार्ड की महिलाओं ने साफ तौर पर कहा कि पक्के मकानों को आवास योजना का लाभ और कुटीर दे दी गई लेकिन हम लोग जो कच्चे पॉलीथिन से अपने घरों को ढांके हुए हैं लेकिन हम लोगों को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिला जबकि आवेदन किये तीन साल पूरे हो चुके हैं।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.