मध्यप्रदेश के खण्डवा ज़िले में कुछ आसमाजिक तत्वों द्वारा मस्जिद में अज़ान बंद करने की बात कहते हुए समस्त मुस्लिम समाज को आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग करते हुए साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने का किया गया प्रयास | New India Times

अबरार अहमद खान, खंडवा/भोपाल (मप्र), NIT:

मध्यप्रदेश के खण्डवा ज़िले में कुछ आसमाजिक तत्वों द्वारा मस्जिद में अज़ान बंद करने की बात कहते हुए समस्त मुस्लिम समाज को आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग करते हुए साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने का किया गया प्रयास | New India Times

मध्य प्रदेश में खण्डवा ज़िले के ग्राम बोरिसराय में हुई घटना के लेकर शहर काज़ी सैय्यद अन्सार अली ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर दोषियों पर कठोर कार्यवाही करते हुए “रासुका” लगाये जाने की मांग की है।

मध्यप्रदेश के खण्डवा ज़िले में कुछ आसमाजिक तत्वों द्वारा मस्जिद में अज़ान बंद करने की बात कहते हुए समस्त मुस्लिम समाज को आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग करते हुए साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने का किया गया प्रयास | New India Times

शहर काज़ी द्वारा दिए गऐ तहरीर के अनुसार दिनांक 27 अप्रेल 2020, दिन सोमवार को ग्राम बोरिसराय में मस्जिद के इमाम द्वारा शांतिपूर्वक पवित्र रमजान माह को ध्यान रखते हुए एवं देशव्यापी लॉकडाउन और कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मस्जिद के अंदर केवल 3 लोगों को नमाज पढ़ाई जा रही थी इसी बीच ग्राम बोरीसराय के ही श्याम पटेल पिता हीरालाल पटेल, संदीप मीणा (सचिव) एवं इनका साथी पटवारी (नाम अज्ञात) के द्वारा गाँव के ही करीब 15 लोगों के साथ मिलकर असंवैधानिक रूप से जबरन मस्जिद में तालाबंदी की कोशिश की गयी साथ ही मस्जिद के इमाम और नमाजियों के साथ सभी को जान से मारने की धमकी और गन्दी गन्दी गालियाँ देते हुए मारपीट की गयी जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल है, आपकी सुविधा हेतु उक्त वीडियो गूगल ड्राइव की लिंक https : / / bit . ly / 2xhoftw पर क्लिक कर देखा जा सकता है साथ ही धार्मिक स्थल मस्जिद के स्पीकर चोंगे तोड़ते हुए मस्जिद की बोरिंग की मोटर को छति पहुंचाकर इस गर्मी में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को प्यास से मारने के उद्देश्य से मस्जिद की बोरिंग में पत्थर भर कर उसको बंद कर दिया गया।

मध्यप्रदेश के खण्डवा ज़िले में कुछ आसमाजिक तत्वों द्वारा मस्जिद में अज़ान बंद करने की बात कहते हुए समस्त मुस्लिम समाज को आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग करते हुए साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने का किया गया प्रयास | New India Times

उक्त वायरल वीडियो में स्पष्ट देखा एवं सुना जा सकता है की श्याम पटेल पिता हीरालाल पटेल, संदीप मीणा (सचिव) एवं इनका साथी पटवारी (नाम अज्ञात) के द्वारा गांव के अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज के लोगों के साथ बड़ी ही निडरता से मारपीट की जा रही है एवं उन्हें उक्त व्यक्ति सम्पूर्ण मुस्लिम समाज को गाली देते हुए अल्पसंख्यक समुदाय को गन्दी गन्दी गालियों से धमकाते हुए स्पष्ट देखा जा सकता है। तीनों व्यक्तियों द्वारा एकत्रित किये गए करीब 15 लोग अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की मोबलिंचिंग के लिए ही एकत्रित किये गए थे जिनकी वजह से अल्पसंख्यकासमाज के लोगों में अपने जीवन की रक्षा हेतु भय स्पष्ट देखा जा सकता है। पूरी घटना स्थानीय लोगों द्वारा हरसूद थाना के संज्ञान में लाने के पश्चात भी हरसूद थाना द्वारा उचित कार्यवाही नहीं की गयी और वहां उपस्थित एस.आई. मीणा जो की आरिपियों के रिश्ते में दामाद भी हैं के द्वारा पीड़ितों को ही झूठे केस में फंसा कर जेल भेजने की धमकी देकर डराया गया जिस हेतु उक्त थाना से इस प्रकरण की सही एवं निष्पक्ष जांच होना भी संदिग्ध है और उक्त एस.आई. मीणा जांच को प्रभावित कर सकते हैं और पीड़ितों को लगातार धमका भी रहे हैं।

मध्यप्रदेश के खण्डवा ज़िले में कुछ आसमाजिक तत्वों द्वारा मस्जिद में अज़ान बंद करने की बात कहते हुए समस्त मुस्लिम समाज को आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग करते हुए साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने का किया गया प्रयास | New India Times

तीनों आसामाजिक तत्वों एवं उनके द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की मोबलिंचिंग करने के उद्देश्य से एकत्रित किये गए लोगों के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के साथ ही आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 का भी उल्लंघन किया गया है जिस हेतु उन पर इस अधिनियम की धारा 51 एवं 60 के साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 188 की भी कायमी की जाना न्यायोचित होगा। इसी तरह उक्त तीनों आसामाजिक तत्वों एवं उनके द्वारा मोबलिंचिंग करने के उद्देश्य से एकत्रित किये गए लोगों पर साम्प्रदायिक भावनाएं आहत करने एवं दो समाजों के मध्य आपसी सोहार्द भंग करने हेतु भारतीय दंड संहिता की धारा 295, 295 एवं अन्य सम्बन्धित धाराओं के अंतर्गत कायमी की जाना अत्यंत आवश्यक एवं न्यायोचित होगा। खंडवा अति संवेदनशील जिला होने के कारण एवं इस लॉकडाउन एवं राष्ट्रीय आपदा के चलते माननीय प्रधानमन्त्री महोदय की आपसी सौहार्द कायम रखने की अपील और कानून व्यवस्था को धता बताते हुए उक्त आरोपियों ने उल्लेखित घटना कारित करने का दुस्साहस किया है जिस हेतु उन पर तुरंत प्रभाव से निषेधात्मक कार्यवाही करते हुए रासुका लगाना ही देशहित में न्यायोचित होगा। अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं को देखते हुए देशहित में उक्त प्रकरण का संज्ञान लेकर आरोपियों पर तुरंत प्रभाव से निषेधात्मक कार्यवाही करने की मांग की जा रही है।


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