इम्तियाज़ चिश्ती, ब्यूरो चीफ, दमोह (मप्र), NIT:
कोरोना वायरस जैसी महामारी के समय भी कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे हैं। एक ओर जहां देश वासी कोरोना वायरस के संक्रमण व लाॅक डाउन से जूझ रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लोग सांप्रदायिकता का गंदा खेल खेलने में लगे हुए हैं जिसमें नागरिकों के साथ कुछ शासन-प्रशासन के लोग भी शामिल हैं। शायद इनका जमीर मर चुका है जो इन्हें इस बीमारी में भी हिंदू-मुस्लिम दिखाई दे रहा है। इस समय देश के कई जगहों से धर्म के आधार पर लोगों को परेशान करने की खबरें आ रही हैं। ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश के दमोह में भी दिखाई दे रहा है। यहां लगभग तीन महीनों से अपना कारोबार करने वाले कुछ मुस्लिम व्यापारियों को कोरोना संदिग्ध बता कर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने क्वारंटाइन कर दिया है जबकि लाॅक डाउन लगा होने के बावजूद चोरी छिपे रेड़ जोन इंदौर से आने वाले युवक की प्रशासन को भनक तक नहीं लगी।
मध्यप्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन दमोह जिला प्रशासन ने अभी भी सबक नहीं लिया। यहां जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। इन्दौर रेड जोन से लाॅकडाउन के दौरान आया युवक चोरी छिपे घनी बस्ती में बीते पंद्रह दिनों से स्थानीय पुराना बाजार में रह रहा है जिसकी भनक प्रशासन तक को नहीं हुई, जब वार्ड के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी तो उसकी खाना पूर्ति कर बिना क्वारंटाइन किये युवक को घनी बस्ती में छोड़ गये, वहीं जो बीते तीन महीने से दमोह में रह रहे वयापार करने वाले लाॅकडाउन में फंसे एक समुदाय विशेष के दस व्यापरियों को पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने संदिग्ध बता कर सबको क्वारंटाइन कर दिया है और जो इन्दौर के रेडजोंन से हाल ही में आये युवक छोड़ दिया घनी बस्ती में रहने के लिए। अब वार्डवासी दहशत में हैं क्योंकि संक्रमण फैलने का भी खतरा बढ़ गया लेकिन जिला प्रशासन और स्वस्थ विभाग के जिम्मदारों ने आँखों पर पट्टी बांधकर चुप्पी साध रखी है जबकि इलाके लोग अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वहीं जब स्क्रिनिंग करने आई टीम प्रभारी शैलेन्द्र सिंह से हमारे संवाददाता इम्तियाज़ चिश्ती ने बिना क्वारंटाइन किये छोड़कर जाने पर सवाल किया तो जनाब की बोलती बंद हो गई। वहीं अब दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का दोहरा रवैया देखने को मिल रहा है। इसी वार्ड से लगे बिलबारी मोहल्ला में ठीक उसी दिन की पूर्व संघ्या पर बीते तीन महीने से दमोह में बैग बेचने का कार्य कर किराए के मकान रह रहे यूपी के एक ही समुदाय विशेष के लोग जो लाॅकडाउन के दौरान फंस गये हैं उन्हें संदिग्ध बताकर उन पर मामला दर्ज करने के बाद क्वारंटाइन कर दिया जाता है लेकिन मध्यप्रदेश में जहाँ से बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले उसी शहर उसी नगर से आये युवक को घनी गरीब बस्ती में संक्रमण फैलाने के लिए छोड़ दिया जाता है, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की यह दोहरी मानसिकता ने घनी बस्ती में छोड़े गए युवक को संक्रमण फैलाने और कई लोगों की जिंदगी को खतरे में डालने का काम किया है जिससे इलाके में दहशत का माहौल है।
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