ओवैस सिद्दीकी/जफर खान, अकोला (महाराष्ट्र), NIT:

पिछले 22 मार्च 2020 से ज़िला सहित पुरे देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन के कारण सामान्य नागरिकों पर भुखमरी की नैबत आ चुकी है। बहुत से सामाजिक, धार्मिक, दानशुरों द्वारा महानगर सहित ज़िले में गरीब ज़रूरतमंद लोगों को बिना किसी भेदभाव के सहायता कार्य शुरू है। जैसे की खाना बनाकर खिलाना, राशन किट व अपने अपने तौर पर सभी की सहायता की जा रही है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है क्योंकि महानगर सहित ज़िले की अधिकांश आबादी हाथ मजूदूरी करने वाले लोगों की है इसलिए इन लोगों की सहायता के लिए शासन द्वारा ठोस कदम उठाने की आवश्कता है। सरकार एवं प्रशासन अपने स्तर पर ज़िले के नागरिकों को कोरोना वायरस जैसी भयानक महामारी से बचाने में लिए बहुत ही सरहनीय (कार्य) योगदान दे रहे है। अतः स्थानीय प्रशासन से जनलोकशाही संगठन द्वारा पत्र के माध्यम से स्थानीय प्रशसन से माँग की गई है के सरकार को ज़िले के मौजूदा हालात से अवगत करवाकर सरकारी सहायता निधि उपलब्ध कराने की पहल करें। वहीं लॉकडाउन के नये नियमानुसार जीवनावश्यक सेवाओं में व्यवसाय के लिए सुबह 6 बजे से 12 बजे तक राशन सामग्री व अन्य वस्तु के लिए व्यवसाय शुरू है लेकिन लॉकडाउन के कारण रोज़ मजूरी करने वाले सामान्य नागरिकों के पास राशन सामग्री खरीदने के लिए पैसो की भी कमतरता दिखाई दे रही है और मदद करने वाली संस्थाएं भी प्रत्येक नागरिकों को सुविधा देने में सक्षम नहीं हैं।

इसी के मद्देनजर स्थनीय सामाजिक संगठन जनलोकशाही संगठन के संस्थापक अध्यक्ष सैय्यद नासीर ने सरकार एवं प्रशासन से विनंती की है कि इस भयानक महामारी के कारण देश में चल रहे लॉकडाउन को देखते हुए सभी के काम बंद हैं लेकिन प्रत्येक नागरिक के पास सोने चाँदी के ज़ेवर रहते ही है लोग इस मुश्किल घडी में सोने चाँदी के ज़ेवर अधिकृत बैंकों में बिना ब्याज के गिरवी रखकर नागरिकों को पैसे मुहय्या कराए जाएं ताकि लॉकडाउन के कारण किसी पर भी भुकमरी की नौबत न आए क्योंकि मौजूदा हालात ऐसे हैं कि कोरोना वायरस से लोग मरे ना मरे लेकिन भुकमरी से ज़रूर कोई ना कोई मर सकता है। ऐसी माँग स्थानीय समजसेवक तथा जनलोकशाही संगठन के संस्थापक अध्यक्ष सैय्यद नसीर ने ईमेल के माध्यम एक पत्र द्वारा मुख्यमंत्री महाराष्ट्रा राज्य माननीय उद्धव ठाकरे, अकोला के पालकमंत्री मा ना बच्चू भाऊ कडु, अकोला जिलाधिकारी जितरेद्र पापलकर से की है।
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