एसडीएम सदर मथुरा द्वारा कहां बांटे जा रहे हैं 20,000 खाने के पैकेट? जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रही है सरकारी खाद्य सामग्री व भोजन | New India Times

अली अब्बास, मथुरा/लखनऊ (यूपी), NIT:

एसडीएम सदर मथुरा द्वारा कहां बांटे जा रहे हैं 20,000 खाने के पैकेट? जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रही है सरकारी खाद्य सामग्री व भोजन | New India Times
फाइल फोटो

पूरे भारत में इस समय लॉक डाउन की स्थिति है ऐसे में गरीब लोगों को रोजमर्रा की चीजों खास कर पर खाने-पीने की चीजों को लेकर खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के साथ-साथ विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं लोगों की मदद के लिए आगे आईं हैं आैर जन-जन तक खाना और जरूरी सामान पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। मथुरा नगर मजिस्ट्रेट के कार्यालय में ऐसी ही कई स्वयंसेवी संस्थाएं गरीबों को राहत सामग्री बांटने के लिए सरकार की परमिशन चाहती हैं मगर मथुरा नगर मजिस्ट्रेट को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि एसडीएम सदर द्वारा 20,000 लोगों को रोज खाने के पैकेट बांटे जा रहे हैं। दूसरी अाेर कई गरीब लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से हमें अभी तक कोई राहत साम्रगी व खाने के पैकेट नहीं मिले हैं हां पुलिस के आला अधिकारी या समाजसेवी जरूर बांट रहे हैं। इस बारे में हमारे सवांददाता को मुन्नी बेगम, प्रेमवती, रेशमा आदि महिलाओं ने बताया कि राशन की दुकानों पर भी उन्हें ज्यादा गेहूं, चावल नहीं मिला बल्कि जितना पहले मिलता था उतना ही अभी भी मिला है। सवाल यह कि अगर यह समाज सेवी संस्थाएं नहीं होतीं तो मथुरा जनपद के लोगाें का क्या होता?

इस बारे में नगर मजिस्ट्रेट मनोज कुमार का बयान भी गैर जिम्मेदाराना है। जिला प्रशासन की ओर से जनपद मथुरा की जनता को कोई भी किसी भी तरह की खाद समग्री का वितरण निःशुल्क नहीं किया गया है जबकि 23 मार्च को मण्डल आयुक्त अनिल कुमार के द्वारा डीएम सभगार में हुई बैठक में आदेश जारी किए थे कि जनता को 10 किलोग्राम आटा, 10 किलोग्राम चावल एवं दाल आदि देने के आदेश से खुद जिला प्रशासन अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहा है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading