स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये “अक्षदा“ की अनूठी पहल | New India Times

फ़िरोज़ खान, झालावाड़(राजस्थान), NIT; ​स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये “अक्षदा“ की अनूठी पहल | New India Timesअक्षदा कार्यक्रम के सहयोग से आकाशवाणी केन्द्र झालावाड़ ने स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी सेवाओं की जानकारी देने के लिये सजीव फोन-इन कार्यक्रम, एक श्रंखला की शुरूआत की है। जिसके तहत गर्भधारण से लेकर शिशु के दो वर्ष के हो जाने तक दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा समय पर श्रोताओं को दी जायेगी। प्रसव पूर्व देखभाल को सुनिश्चित करने एवं गर्भावस्था के दौरान रखी जाने वाले सावधानियों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से अक्षदा कार्यक्रम के तहत आकाशवाणी केन्द्र झालावाड़ से सजीव फोन-इन कार्यक्रम का पहला प्रसारण 6 दिसम्बर को किया गया। जिसमें स्वास्थ्य विशेषज्ञ के रूप में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झालावाड़ एवं अक्षदा कार्यक्रम के प्रोग्राम मैनेजर नीरज झाम ने भाग लिया। डॉ. साजिद खान, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झालावाड़ ने बताया की “प्रसव पूर्व देखभाल एक ऐसा आधार है जो किसी भी तरह के स्वास्थ्य सुचंकाकों को निर्धारित करता है,  यहीं से स्वास्थ्य सेवाओं की शुरूआत होती है और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी भी यहीं से शुरू हो जाती है। प्रसव पूर्व जांच से ही पता चलता है की होने वाला प्रसव सामान्य होगा या जटिल होगा। यदि सभी जांचे समय पर होगी तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि प्रसव के दौरान कोई दिक्कत नहीं आयेगी साथ ही प्रसव पूर्व जांच से स्वास्थ्य कार्यकर्ता बता पाते है की गर्भावस्था के दौरान क्या-क्या सावधानियां रखने की जरूरत है। अक्षदा कार्यक्रम राजस्थान सरकार एवं टाटा ट्रस्ट के सहयोग से अंतरा फाउण्डेशन द्वारा वर्तमान में झालावाड़ और बारां जिले में क्रियान्वित किया जा रहा हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुचंकाकों में सुधार करना है।सजीव फोन-इन कार्यक्रम के दौरान जानकारी दी गई की भारत में प्रसव पूर्व देखभाल की कमी व असावधानी के कारण हजारों गर्भवती महिलाएं अकाल मृत्यु की शिकार हो जाती हैं, यदि समय पर एनएनसी पंजीयन करवाया जाये एवं प्रसव पूर्व सभी चार जांचे समय पर करवाई जाये तो चिकित्सकों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन से हजारों गर्भवती महिलाओं की जान बचाई जा सकती है।प्रसव पूर्व जांच के दौरान गर्भवती महिला का रक्तचाप, शुगर का स्तर, हीमोग्लोबिन टेस्ट, वजन एवं मूत्र परीक्षण जैसे विभिन्न स्वास्थ्य मानकों को जांच मे शामिल किया जाता है, प्रसव पूर्व जांच, जोखिम वाली गर्भावस्था की पहचान, जोखिम वाली महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिये अतिरिक्त देखभाल व स्वस्थ्य बच्चे के जन्म को सुनिष्चित करने के लिये यह बहुत महत्वपूर्ण है। सुरक्षित मातृत्व एवं स्वस्थ्य बच्चे के जन्म को सुनिश्चित करने के लिये कम से कम तीन एवं जरूरत होने पर चारों प्रसव पूर्व जांचे बहुत महत्वपुर्ण है। प्रसव पूर्व जांच से यह सुनिश्चित किया जाता है कि महिला स्वस्थ है एवं स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है यदि इस दौरान यह पता चलता है की गर्भवती महिला एवं उसके होने वाले बच्चे को कोई खतरा है तो एएनएम महिला को जिला अस्पताल में रेफर कर सकती है।आकाशवाणी झालावाड़ से यह कार्यक्रम दिसम्बर माह के दूसरे एवं चौथे मंगलवार, जनवरी माह के पहले, तीसरे एवं पांचवे मंगलवार एवं फरवरी व मार्च माह के दूसरे एवं चौथे मंगलवार को प्रसारित किया जायेगा जिसमें श्रोता दुरभाष नम्बर 07432-232593 पर फोन करके विशेषज्ञों से प्रशन पूछ कर लाभांवित हो सकेगें।


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By nit

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