अबरार अहमद खान, भोपाल (मप्र), NIT:
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री जी के ताली- थाली आह्वान पर समूचे देश ने बेहिसाब समर्थन दिया और यह जता दिया कि कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई लड़ रहे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, प्रशासनिक अधिकारी सबके समर्थन में देश खड़ा है मगर देश यह भी जानना चाहता है कि आखिर हमारी सरकार के पास ताली – थाली इवेंट के अलावा इस महामारी से लड़ने का क्या ब्लू प्रिंट है।
प्रधानमंत्री जी से सवाल :
1. आपने क्लीनिकल केअर के दौरान देशभर में इन हेल्थ वर्कर के लिए WHO की गाईडलाइन के अनुसार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक़्विपमेंट की क्या व्यवस्था की है?
2. N -95 मास्क की सुनिश्चितता क्या है?
3. देश के प्रत्येक जिले में क्या कोरोना के लिए हॉस्पिटल अलग से चिन्हित किए गए हैं, जहाँ सिर्फ कोरोना और उसके लक्षण वाले मरीज ही देखे जाएँ?
4. क्या यह सुनिश्चित किया गया है कि दूसरे अस्पतालों में कोरोना या संदिग्ध मरीज नहीं देखे जाएँ ताकि इससे दूसरे मरीजों में संक्रमण नहीं फैले? इटली में ये नहीं किया गया और कोरोना के मरीज सभी हॉस्पिटल्स में भर्ती हुए, जिससे अस्पतालों के दूसरे मरीज भी संक्रमित हुए।
5. क्या यह नोटिफिकेशन जारी करने के लिए राज्यों को निर्देशित किया गया है कि निजी हॉस्पिटल को भी सरकारी अधिसूचित किया जाए और इन अस्पतालों में दूसरे मरीज रखे जाएँ।
6. प्रत्येक जिले में कोरोना के लिए हॉस्पिटल अलग से चिन्हित किए जाएँ, वहाँ कोरोना और उसके लक्षण वाले मरीज ही देखे जाएँ।
7. क्या ये सही नहीं है कि विश्व की तुलना में भारत में कोरोना लक्षण के सबसे कम टेस्ट किए गए हैं?
8. क्या रोज कमाकर अपना घर चलाने वाले एवं समाज के वंचित वर्ग के लोगों की लॉक डाउन की परिस्थिति के दौरान आजीविका की कोई व्यवस्था की गई है?
9. क्या यह सही नहीं है कि डब्लयू एच ओ कह रहा था कि वेंटिलेटर, सर्जिकल मास्क, फेस मास्क आदि की उपलब्धता तय की जाए, मगर आपकी सरकार 19 मार्च तक इनके निर्यात की इजाज़त दे रही थी जबकि एम्स तक में ये उपलब्ध नहीं हैं।
कहने का आशय यह है कि….
अगर समय रहते हम सजग हो गए होते तो विदेश से आने वाले सभी यात्रियों को 14 दिन कोरोना वायरस के लिए कोरंटिन सेंटर में रखते क्योकि इस वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड अर्थात इस बीमारी के वायरस से इन्फेक्टेड होने से लेकर इसके लक्षण दिखाई देने का समय 2 से 14 दिन है।
श्री दुबे ने कहा कि अब भी सरकार को चाहिए कि भविष्य में इस महामारी की विकरालता को देखते हुए बड़े बजट का प्रावधान करें और सभी संसाधन जुटाएं, सिर्फ थालियाँ और तालियाँ न बजवाएं।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.