राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री प्रशांत सागर जी, मुनि श्री निर्वेग सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी, मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री देवानंद सागर जी (नगर गौरव) के सानिध्य में 20 फरवरी तक पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव गीतांजलि कॉलोनी, माणिकचंद पेट्रोल पंप के सामने, देवरी, जिला सागर (म.प्र) में चल रहा है। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, आरती, प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे हैं।
पूरे देश से श्रद्धालु आ रहे हैं।
दिल्ली के कलाकारों द्वारा नाटिका की शानदार प्रस्तुति दी जा रही है। राजस्थान के उदयपुर के प्रसिद्ध बैंड की प्रस्तुति हो रही है। भोपाल से आए संगीतकार सचिन जैन के द्वारा भजनों की प्रस्तुति हो रही है।
18 फरवरी 2020 को हुआ तप कल्याणक
प्रातः 6 बजे से पात्रशुद्धि, अभिषेक, शांतिधारा, नित्यमय पूजन हुई। जन्मकल्याणक पूजन, शान्तिहवन, आचार्य श्री जी की पूजन मुनि श्री निर्वेगसागर जी महाराज द्वारा कराई गई।
9:30 बजे से पाणिग्रहण संस्कार विधि (बारात) हुई।
दोपहर 12:30 बजे से राज्याभिषेक, भेंटसमर्पण, महामंडलेश्वर नियुक्ति, सेनापति नियुक्ति , षट्कर्म उपदेश, दण्डनीति, ब्राह्मी सुंदरी को शिक्षा, नीलान्जना नृत्य, लौकान्तिक देवागमन , युवराज भरत व बाहुबली राज्यतिलक, दीक्षाभिषेक, दीक्षावन गमन, दीक्षा कल्याणक संस्कार विधि हुई।
भगवान को पिच्छिका देने का सौभाग्य ब्रह्मचारी भाईयों के साथ भगवान के पिता और कमंडल देने का सौभाग्य ब्रह्मचारिणी बहनों के साथ भगवान की माता को मिला। विधि नायक प्रतिमा मुनि दीक्षा के संस्कार मुनि श्री प्रशांत सागर जी, मुनि श्री निर्वेग सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी ने किए।
शाम 7 बजे से संगीतमय महाआरती, शास्त्र प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए।
मुनि श्री भावसागर जी महाराज ने कहा कि, आज तप कल्याणक है। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने 52 वर्ष में निर्दोष चर्या एवं निर्दोष ब्रह्मचर्य धारण करके जैन शासन की महती प्रभावना की है। उन्होंने पूरे देश की वैयावृत्ति(सेवा) के लिए भाग्योदय एवं पूर्णायु चिकित्सालय के लिए प्रेरणा दी जिसके माध्यम से सभी जीव पूर्णायु प्राप्त कर सकें। शिक्षा के क्षेत्र में 5 प्रतिभास्थली के लिए प्रेरणा दी, जिसके माध्यम से बालिकाओं को शिक्षा और संस्कार दिए जा रहे हैं। पूरे देश की सबसे बड़ी समस्या है, आज बालिकाओं की सुरक्षा। बहुत सी घटनाएं घट रही है उससे बचने का उपाय प्रतिभास्थली है। जितने भी वस्त्र आ रहे हैं सभी में मटन टेलो नाम का अशुद्ध पदार्थ है जो हिंसक है। इसका उपाय हथकरघा वस्त्र है जिनके उपयोग की प्रेरणा हम सभी हिंसा से बच सकते हैं आचार्य श्री ने खुद तकलीफ सहन करके पूरे विश्व को बहुत कुछ दिया है।
मुनि श्री प्रशांत सागर जी ने मुनि दीक्षा की महिमा बताई।
प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी विनय भैया बंडा ने कहा कि, अपने घर में गाय रखोगे तो सभी वास्तु दोष दूर हो जाएंगे। “गाय नहीं कटने देंगे,देश नहीं बटने देंगे”। जब तक गोवंश रहेगा कोई भी विदेशी बाल बांका नहीं कर सकता। गौशाला बनाकर गायों की रक्षा करना। आप सभी का कर्तव्य है।
19फरवरी 2020 को ज्ञान कल्याणक होगा।
प्रातः 6:बजे से पात्रशुद्धि, अभिषेक, शान्तिधारा, नित्यमय पूजन, तप कल्याणक पूजन शान्ति हवन, आचार्य श्री जी की पूजन एवं मुनि संघ का प्रवचन होगा।
प्रातः 9 बजे से नव दीक्षित महामुनिराज की आहारचर्या (पंचाश्चर्य) होगी।
दोपहर 1 बजे से ज्ञानकल्याणक की आंतरिक संस्कार क्रियाएं, प्राणप्रतिष्ठा, सूरि मंत्र, केवलज्ञानोत्पत्ति, समवशरण रचना, केवलज्ञान कल्याणक पूजन, महाराज श्री जी की दिव्य देशना (दिव्य ध्वनि प्रसारण) होगी।
शाम 7 बजे से संगीतमय महाआरती, 7:30 बजे से शास्त्रप्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम अथवा भरत बाहुबली युद्ध होगा।
रात्रि 8 बजे अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन गीतांजलि कॉलोनी पंचकल्याणक स्थल पर से किया गया है जिसमें देश के प्रसिद्ध कवि आ रहे हैं। अनामिका “अंबर” मेरठ, पंकज “अंगार” ललितपुर, सुनील “समैया”, डॉ अखिल आनंद आदि कवि की शानदार प्रस्तुति।
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