सलीम शेख, धुले (महाराष्ट्र), NIT:
धुुले महानगरपालिका के साथ-साथ धुले नगर निगम क्षेत्र में प्रचंड मात्रा में जल संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद धुले शहर के निवासियों को नियमित रूप से पानी की आपूर्ति नहीं की जाती है। आज भी धुले शहर के कई हिस्सों में नलों में 10 से 12 दिनों के बाद पानी छोड़ा जा रहा है। शहर के कई हिस्सों में अभी भी नलों में टोटी नहीं लगवाई गई है जिससे हर दिन लाखों लीटर पानी बर्बाद होता है। शहर के कई हिस्सों में पानी की पाइपलाइन लीकेज है, नागरिकों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद पानी लीकेज बंद नहीं की जाती है। आज भी शहर की कई सड़कें पर गड्ढे मौजूद हैं। इस सड़क के गड्ढों को लेकर शहरवासी बहुत चिंतित हैं और बार-बार शिकायत के बाद भी उनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया जाता है। इसके अलावा, आवास योजना शहर में नियमित रूप से लागू नहीं की जाती है। योजना के अधिकारी और कर्मचारी योजना पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। अंधेरे का साम्राज्य अभी भी काजवे पुल और छोटे पुल पर फैला हुआ है, शहर की कम से कम 40% स्ट्रीट लाइटें आज भी बंद हैं। पूरे धुले शहर में स्वच्छता का अभाव आज भी मौजूद है। कचरे को नियमित रूप से एकत्र नहीं किया जाता है, इसलिए अस्वच्छता दूर नहीं हो रही है। शहर में ईमानदारी से नियमित कर का भुगतान करने वाले नागरिकों को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। कई नागरिकों ने इस बारे में शिकायत की है।
धुले महानगरपालिका को ऐसे कई मुद्दों पर लिखित पत्र भी दिए गए और अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठकें भी हुईं लेकिन किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया हैं। यह भी देखा गया है कि धुले महानगरपालिका से कोई जानकारी मांगें तो उसे जानकारी नहीं दी जाती है। नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई संयम और अनुशासन नहीं है। इन सभी समस्याओं के कारण धुले मनपा के कार्यशैली को लेकर नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है। धुले मनपा के अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी के खिलाफ कई सवाल महाराष्ट्र विधानसभा में धुले शहर के विधायक डॉ फारुक शाह उठाएंगे।
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