सामाजिक संस्था फाइट फॉर राइट के बैनर तले मीरा-भाईंदर के शिक्षण संस्थानों में व्याप्त समस्याओं को लेकर सुभाष चंद्र बोस मैदान में भूख-हड़ताल जारी | New India Times

साबिर खान /सुभाष पांडेय, मीरा-भाईंदर (महाराष्ट्र), NIT:

सामाजिक संस्था फाइट फॉर राइट के बैनर तले मीरा-भाईंदर के शिक्षण संस्थानों में व्याप्त समस्याओं को लेकर सुभाष चंद्र बोस मैदान में भूख-हड़ताल जारी | New India Times

सामाजिक संस्था फाइट फॉर राइट (रजि.) के बैनर तले संस्था के अध्यक्ष राजू विश्वकर्मा पिछले दो दिनों से भायंदर (पश्चिम) स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मैदान में स्थानीय शिक्षण संस्थानों में व्याप्त समस्याओं को लेकर भूख-हड़ताल पर बैठे हैं।
संस्था के मीडिया प्रभारी अशोक निगम ने एक प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को बताया कि मीरा-भाईंदर महानगरपालिका में सरकारी तथा गैर-सरकारी स्कूलों में व्याप्त भ्रष्टाचार जैसे प्राइवेट स्कूलों द्वारा प्रति वर्ष मनमानी फीस वृद्धि करना, अभिभावकों तथा शिक्षकों की मीटिंग न करना, प्राइवेट स्कूलों में 25 % गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा न देना, स्कूलों में अग्नि सुरक्षा के अग्निरोधक यंत्र न लगाना, बच्चों के प्रवेश के समय भारी मनमाना डोनेशन की मांग करना, गैर-जरूरी पाठ्यपुस्तकों को पाठ्यक्रम में जोड़ना, प्रत्येक स्कूलों में 30-35 बालकों पर एक शिक्षक के अनुपात से शिक्षक नियुक्त न करना आदि जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर 20 जनवरी 2020 से उक्त संस्था के महासचिव राजू विश्वकर्मा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। भूख-हड़ताल का आज तीसरा दिन बताया था लेकिन स्थानीय शासन, प्रशासन ने इस संदर्भ में अभी तक कोई पहल नहीं की है।
गौरतलब है कि, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार का अधिनियम -2009 व 2011, 2014 व कलम -3 के तहत सभी बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा पहली से आठवीं तक) निःशुल्क और अनिवार्य उपलब्ध कराया जाना चाहिए। कलम-14 के तहत किसी भी बालक को आयु का सबूत (जन्म प्रमाण-पत्र आदि), न होने के कारण प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता। कलम-16 के तहत किसी बालक को किसी कक्षा में रोका या प्राथमिक शिक्षा पूरी करने तक निष्काषित नहीं किया जा सकता है। कलम-17 के तहत किसी भी बच्चे को किसी भी विद्यालय में किसी प्रकार का शारीरिक दंड या मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जा सकता है। कलम-21 के तहत हर विद्यालयों में ” विद्यालय प्रबंध समिति ” होना अनिवार्य है जिसके तहत तीन चौथाई सदस्य माता-पिता या संरक्षक का होना अनिवार्य है। कलम-28 के तहत कोई भी शिक्षक या शिक्षिका प्रायवेट ट्यूशन या क्लासेस में नहीं पढ़ा सकते हैं। कलम-31 के तहत बालकों के शिक्षा के अधिकार को मानिरिटिंग करना सरकार व महानगरपालिका का कर्तव्य है। बच्चों के हक़ के लिए अन्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। इस मौके पर मंच पर “अन्याय विरोधी संघर्ष समिति” के अध्यक्ष सुभाष पांडेय, स्थानीय शिवसेना नेता कृष्णा सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता विनय सिंह, गणेश मिस्त्री, संजय सिंह, निलेश मेहता, एडवोकेट अविनाश विश्वकर्मा, विवेक मिश्रा, गणेश दिघे आदि उपस्थित थे।


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