अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:
पूर्व आदिवासी विकास मंत्री गोविंद शिवराम चौधरी 80 वर्षीय का लंबी बीमारी के कारण शुक्रवार की दोपहर के समय धूलिया के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान देहांत हो गया। बीजीपी-शिवसेना के शासन के दौरान धुले-नंदुरबार जिले से प्रदेश सरकार की काबीना में बतौर आदिवासी विकास मंत्री के रूप में धुले जिले की साक्री तहसील के निवासी अधिवक्ता दिवंगत मंत्री गोविंद शिवराम चौधरी लंबे समय से बीमारियों से ग्रस्त थे और उम्र भी अधिक हो गई थी जिनका बीमारी के चलते निधन हो गया।
गोविंद चौधरी ने राजकीय जीवन की शुरुवात उनके पैतृक गांव के सरपंच पद से की थी उसके बाद ज़िला परिषद में समाज कल्यान सभापती के पश्चात साक्री से विधायक युति के शासन काल में महाराष्ट्र प्रदेश मुख्यमंत्री मंडल में आदिवासी विकास मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था। पूर्व मंत्री गोविंद चौधरी के सामान्य रहन सहन के कारण उन्हें अधिकारी से लेकर सिपाही तक मंत्री जी के स्थान पर भाऊ संबोधित करते थे। दिवंगत मंत्री गोविंद शिवराम चौधरी के कार्यकाल में ताप्ती नदी पर सुलवाड़े बांध परियोजना को मान्यता प्राप्त हुई। शिंदखेड़ा की बुराई नदी पर जल बांध का निर्माण कराया और लोगों को भीषण अकाल में पीने का पानी मुहैया कराया। इसी तरह से आदिवासी समुदाय के लिए विशेष बजट में प्रावधान कराया। आदिवासीयो के लिए नवसंजीवनी योजनाबद्ध तरीके से चलाया। उन्हीं के प्रयासों से शबरी आदीवासी वित महामंडळ की निर्मिती हुई। आदीवासी किसानों को निःशुल्क बिजली पंप आदि योजनाएं चलाई तथा आशिया खंड की प्रथम आदिवासी सुत मिल की स्थापना और आदिवासी आश्रम विद्यालयों में ग्यारहवीं तक शिक्षा की मान्यता उन्हीं के शासनकाल में प्राप्त हुई थी।
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