पैगंबर मोहम्मद (सल.) की जयंती पर "एक मुट्ठी अनाज" मुहिम चलाकर इकरा तथा ग्लोरियस स्कूल ने रखा समाज के सामने एक नया आदर्श | New India Times

मकसूद अली, ब्यूरो चीफ, यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT:पैगंबर मोहम्मद (सल.) की जयंती पर "एक मुट्ठी अनाज" मुहिम चलाकर इकरा तथा ग्लोरियस स्कूल ने रखा समाज के सामने एक नया आदर्श | New India Times

इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से तीसरे माह यानि कि रबी उल अव्वल की 12 तारीख को संपूर्ण विश्व में इस्लाम धर्म के सबसे बड़े धर्म गुरु हज़रत मोहम्मद पैगंबर साहब का जन्मदिन बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस्लामी धर्मगुरु हज़रत मोहम्मद पैगंबर (सा.) तमाम लोगों में सबसे अधिक उदार नर्म तबीअत और खानदानी लिहाज़ से सबसे अधिक आदरणीय थे। अपने सत्संगियों से अलग थलग न रहते थे उनमें पूरा मेल जोल रखते थे, उनसे बातें करते, उनके बच्चों के साथ खुशमिज़ाज़ी और विनोदप्रियता का आचरण करते, उनके बच्चों को अपनी गोद में बिठाते। गुलाम और आज़ाद, दीन दुखिया सब का निमन्त्रण स्वीकार करते, बीमारों को देखने जाते चाहे बस्ती के छोर पर हो, क्षमाप्रार्थी को क्षमा करते। आप को सहाबा (आप के सत्संगी) की मजलिस (सभा) में कभी पैर फैलाये हुए नहीं देखा गया ताकि किसी को तंगी न हो सहाबा एक दूसरे से कविता सुनते सुनाते और अज्ञानता की किसी बात का उल्लेख करते तो आप खामोश रहते या मुस्कुरा देते। आप अत्यन्त नर्म दिल मुहब्बत करने वाले और कृपालु थे। अपनी बेटी फ़ातिमा से कहते : “मेरे दोनों बेटों (हसन व हुसैन जो आप के नवासे थे) को बुलाओ। “वह दौड़ते हुए आते तो आप दोनों को प्यार करते और उनको अपने सीने से लगा लेते। एक मर्तबा आप के एक सत्संगी हज़रत साद ने कहा, “या रसूलुल्लाह यह क्या है? आपने फ़रमाया “दया है जो अल्लाह अपने भक्तों में जिसके दिल में चाहता है डाल देता है। और निःसन्देह अल्लाह अपने दयावान भक्तों ही पर दया करता है।” पैगंबर साहब के इनी विचारों से प्रेरित होकर यवतमाल के नागसेन सोसायटी पांढरकवडा रोड स्थित इकरा उर्दू तथा ग्लोरियस इंगिलश मीडियम के तत्वधान में एक अनोखी मोहिम “एक मुट्ठी अनाज” शीर्षक से दिनांक 8 नवंबर से 10 नवंबर 2019 के बीच चलाई गई गई (जिस में 10 नवंबर को इस्लाम धर्म के सबसे बड़े धर्म गुरु हज़रत मोहम्मद पैगंबर सल. का जन्मदिन आता है) इस मोहिम में स्कूल के तमाम बच्चों से आग्रह किया गया की वे अपने घर से अपनी हैसियत के हिसाब से एक मुठ्ठी अनाज (गेहूं या चावल) लाकर स्कूल में जमा करवाएं तथा जमा किया हुआ अनाज हज़रत मोहम्मद पैगंबर (सल.) के जन्मदिन पर शहर के गरीब और मोहताज लोगों में वितरित किया जाएगा। ताकि वह भी पैगंबर साहब के जन्मदिन पर इस अनाज के जरिए अपना और अपने परिवार के लोगों का पेट भर सके। इकरा तथा ग्लोरीयस स्कूल के इस अनोखी पहल पर स्कूल के सभी बच्चों ने अपने-अपने घरों से अनाज लाकर स्कूल में जमा करवाया जिसमें 2000 किलोग्राम के आस-पास गेंहू और चावल जमा हुए ऐसी जानकारी इकरा उर्दू स्कूल के अध्यापक श्री समी उल्लाह सर ने हमारे संवाददाता वासीक शेख को दी। इस मोहिम को कामियाब बनाने के लिए स्कूल के सभी पुरुष एवं महिला अध्यापकों के साथ स्कूल के सभी संस्था चालकों ने परिश्रम लिया। इकरा तथा ग्लोरीयस स्कूल की इस अनोखी पहल ने समाज के सामने एक नया आदर्श रखा है जिस पर समाज के सभी स्तर से उनकी प्रशंसा की जा रही है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading