शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर महिला ने पी ली डिटॉल | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर महिला ने पी ली डिटॉल | New India Times

एक सास जो कभी बहू थी आज उसी सास ने अपनी बहू के ऊपर अत्याचार की सारी सीमाएं पार कर दी। मामला अंबेडकर नगर जिले के मालीपुर थाना क्षेत्र खजुरी का है। जहां एक महिला अपने हक के लिए अपने पति के घर पहुंची तो उसकी सास ने उसे धक्के मार कर घर से बाहर निकाल दिया। उस सास ने जो भी किया वह शब्दों में बयां कर पाना बहुत ही मुश्किल है। आते जाते लोगों का दिल पसीज गया मगर उसी घर में बहू बनकर आई सास का कलेजा नहीं पसीजा।

शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर महिला ने पी ली डिटॉल | New India Times

भाजपा सरकार भले ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान बढ़ाने में लगी हों, लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बेटियों को अभिशाप समझते हैं।
बिंदु वर्मा ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र देकर बताया कि बेटी होने पर ससुरालियों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। पीड़िता बिंदु वर्मा पुत्री श्री कृष्ण चंद्र वर्मा बैरम पूरा वर्मा अकबरपुर जिसकी शादी 2007 में प्रदीप वर्मा, पुत्र बलराम वर्मा, ग्राम खजुरी करौदी थाना मालीपुर के साथ हुआ था, शादी के बाद एक बेटी हुई बेटी पैदा हुई, बेटे की चाह बहू बिंदु पूरा ना कर सकी जिसके कारण उसे घर से मारपीट कर बाहर निकाल दिया गया और जिसकी एक बेटी 7 साल की उसे भी ससुराल जनों ने कमरे में बंद करके रख लिया ससुराल जनों के शारीरिक मानसिक शोषण के कारण पीड़िता ने डिटॉल तक पी लिया था‌‌।

शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर महिला ने पी ली डिटॉल | New India Times

पीड़िता ने बताया कि सास-ससुर और बेटा तीनों मिलकर मारते पीटते हैं और कहते हैं जो औरत वंश ना चला पाए उसे बांझ कहते हैं। महिला हेल्पलाइन 1090 से लेकर स्थानीय पुलिस से मदद मांगी गई मगर मदद नहीं की गई, गांव के प्रधान ने भी धमकी दी है कि अगर दोबारा यहां पर आई तो ठीक नहीं होगा।
बेटी को साथ लेकर मायके वाले एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर में बिलख रहे हैं लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है।
बिंदु ने बताया कि स्थानीय पुलिस मेरे ससुराल वालों के प्रति कोई भी कार्यवाही नहीं करना चाहती. क्योंकि वह पैसे वाले हैं। बच्ची पैदा होने के बाद से ही ससुराल वाले उस पर ताने कसने लगे, पता नहीं क्यों कुछ लोग बेटियों को अभिशाप समझते हैं।


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By nit

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