संदीप शुक्ला, इंदौर ( मप्र ), NIT;
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के मुताबिक क्राइम ब्रांच में फिलहाल लूट, हत्या, डकैती, चोरी, धोखाधड़ी जैस गंभीर अपराधों की जांच के लिए विंग बनी हुई है। शहर में बढ़ते अपराधों को देखते हुए क्राइम ब्रांच की कार्यप्रणाली में बदलाव किया गया है। क्राइम ब्रांच अब बड़े गुंडों से लकर छुट भैये बदमाशों पर नकेल कसने के लिए गली-मोहल्लों में घूमती नजर आएगी। बदमाश इलाके से गायब हुआ या दूसरे इलाके के बदमाश ने पैर भी रखा तो क्राइम ब्रांच को इसकी भनक लग जाएगी।इंदौर के चंदन नगर, आजाद नगर, खजराना, बाणगंगा, सदर बाजार, रावजी बाजार सहित संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी रखने के लिए क्राइम ब्रांच को 9 सर्किल में बांटा गया है, जिसकी जिम्मेदारी एसआई-एएसपी स्तर के अफसरों को सौंपी गई है। संबंधित अफसर बदमाशों पर निगरानी रखने के साथ उनकी दिनचर्या पर भी नजर रखेंगे। पुलिस ने क्षेत्रों को स्कैन करना शुरू कर दिया है। सक्रिय बदमाशों के डाटा कम्प्यूटर में फीड किए गए हैं, जिसमें अपराधी का फोटो, गाड़ी के नंबर और मोबाइल नंबर तक शामिल हैं। अफसर उसकी छोटी-मोटी गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे। उससे मिलने-जुलने वाले, उसके खर्चे, कमाई का जरिया भी नोट करेंगे।
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