मकसूद अली, यवतमाल ( महाराष्ट्र ), NIT;
यवतमाल के स्थानीय तिरंगा चौक पर ईवीएम हटाओ आंदोलन के साथ लोकतंत्र बचाओ नरे के साथ आंदोलनकर्ता आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनकारियों ने कहा कि ईवीएम के बारे में अंतरराष्ट्रीय मानक पूरे नहीं होते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईवीएम के लिए सात तरह के विविध मानक हैं। जो भारत में ईवीएम उपयोग किया जाता है उसमें दो मानक पूरे नहीं होते हैं। उनमें यदि चुनाव के नतीजों पर संदेह हो तो वोटर के वोट के सत्यापन मतदाताओं के अनुसार और मशीन के अनुसार फिर से गणना नहीं की जा सकती है। जहां तक व्यक्तिगत मतदाता का संबंध है उसे आश्वास्त किया जाना चाहिए कि जिस उम्मीदवार को उसने वोट दिया है वास्तव में उसका वोट उसी उम्मीदवार को मिला है।
चुनाव में जो ईवीएम प्रयोग की जाती है उसमें पुनर्गणना नहीं होती है। अर्थात मशीन में पड़े हुए वोटों की कुल गणना ही होती है। यदि मशीन में पहले से ही गड़बड़ी हुई हो तो पुनर्मतगणना के बाद भी मतदाताओं के दिए हुए मतों का सत्यापन नहीं किया जा सकता। बैलेट पेपर पर वोटिंग हो तो उन वोटों की पुनर्गणना की जा सकती है। आंदोलन के संयोजक वियजराज शेगेकर ने मीडिया को बताया कि पहले चरण में 31 राज्यों में जिलाधिकारी कार्यालयों के सामने धरना आंदोलन, दूसरे चरण में इन्ही राज्यों में देशव्यापी प्रदर्शन रैली, तीसरे चरण में 1 हजार स्थानों पर देश के एक्सप्रेस हाइवे, महामार्ग बंद करने के लिए प्रदर्शन होगा। चौथे चरण में देश के 1 हजार स्थानों पर रेल रोको आंदोलन होगा। पांचवें चरण में देशव्यापी जेलभरो आंदोलन होगा। 28 मार्च की सुबह 10 बजे तिरंगा चौक, महात्मा फुले प्रतिमा, डा आंबेडकर चौक से रैली निकालकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। यह जानकारी एड. अनिल किनाके, इंदू मोहर्लीकर, प्रकाश वरडकर, मनोज इंगले, जानराव पेंदाम, जनार्दन चांदुरकर आदि ने दी है।
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