रहीम हिंदुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ जिले के मेघनगर में फर्जी रजिस्ट्री का मामला प्रकाश में आया है। शासकीय शिक्षक हनीफ पटेल जमीनों के दलाल और अवैध रुप से कृषि भूमि को प्लाटों में तब्दील कर बेचता और खरीदता है।
मेघनगर के एक स्टांप वेंडर से सांठ गांठ कर इसी तरह का खेल खेलते हुए सैकड़ों फर्जी रजिस्ट्रीया करवा कर मध्यप्रदेश शासन की लाखों की स्टाम्प ड्युटी की चोरी भी इनके द्वारा की गई है।
राजस्व विभाग भी शक के घेरे में
मेघनगर में आये दिन इस तरह की फर्जी रजिस्ट्रियां धड़ल्ले से हो रही है और एक आम व्यक्ति को अपनी थोड़ी सी जमीन की रजिस्ट्री करवाने में पसीने छुट जाते हैं जब तक दलालों से संपर्क नहीं करें तब तक उनकी रजिस्ट्री नहीं होती। भु – माफियाओं के द्वारा मेघनगर पंजीयन कार्यालय से मिली भगत कर वर्षों से अवेध रजिस्ट्रियां हो रही है।
फर्जी रजिस्ट्रियों वाले मामले को नगर के पत्रकारों ने अनेकों बार सुर्खियों में लाने के बाद भी विभागीय अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी जिसकी वजह से भूमि स्वामियों को इस का खामीयाजा भुगतना पड़ रहा है क्योंकि पंजीयन कार्यालय और राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत के बिना फर्जी अवैध रजिस्ट्रियां करवाना सम्भव नहीं है। भोले भाले लोग भी इन भु – माफियाओं के जाल में फंस कर शिकार हो जाते हैं।
शासकीय भुमि को आपना बताकर ये लोगों ने भोले भाले लोगों से लाखों रुपए ऐंठ लिए हैं। ये भु – माफिया अपने जाल में फंसा कर अनेक फर्जी रजिस्ट्रियां करवा चुके हैं
जिसका अन्त में खामियाजा इसी तरह भोले भाले लोगों को उठाना पडता हैं।
जमीनो की फर्जी रजिस्ट्रियां भी राजस्व विभाग की मिलीभगत से इन शातिर भु – माफियाओं के द्वारा करा दी जाती हैं।
झाबुआ जिले के मेघनगर विकासखंड के रंभापुर रोड के चौड़ीकरण के बाद यह मामला प्रकाश में आया है।
हमारे सूत्र बताते हैं कि यह भूमाफिया स्टांप में जमीनों की चतुर सीमा ही बदल दिया करते हैं साथ ही स्टांप ड्यूटी की चोरी भी लाखों में कर चुके हैं।
झाबुआ जिले के मेघनगर कस्बे में हजारों फर्जी रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं लेकिन जिम्मेदार नुमाइंदे ले देकर चुप हैं।
जिले के मुखिया अगर मेघनगर की तमाम जमीनों की ईमानदारी से जांच करें तो हजारों फर्जी मामले उजागर हो सकते हैं और अनेकों भूमाफिया सलाखों के पीछे पहुंच सकते हैं।
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