वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
लखीमपुर खीरी जिले के तहसील गाेला के अन्तर्गत आने वाले ब्लाक बॉकेगंज क्षेत्र के कई ग्राम पचायतों में बने स्वास्थ्य उपकेन्द्र कुकरा व प्रतापपुर गांव के करीब दसयाें साल से बना स्वास्थ्य उपकेन्द्र खण्डहर में तब्दील हाे गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके इसके लिए सरकार ने भले ही लाखों करोड़ों का बजट खर्च कर दिया हो लेकिन स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही के चलते स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल हो रहा है। बॉकेगंज ब्लाक के प्रतापपुर गांव में लगभग 8 से 10 वर्ष पहले बना स्वास्थ्य उपकेंद्र खंडहर में तब्दील हो चुका है। बनने के बाद यह उपकेंद्र एेसा लगता है कि मानों कभी खोला ही नहीं गया। स्वास्थ्य कर्मचारी यहाँ तक पहुंचना मुनासिब नहीं समझते। ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए कई किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है।
वर्तमान में स्वास्थ्य उपकेंद्र का अस्तित्व ही समाप्त होता दिख रहा है। इस गांव के लोगों को छोटे मोटे इलाज के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करके जाना पड़ता था। इस समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य उपकेंद्र बनकर तैयार भी हो गया पर कभी भी खुला ही नहीं, जिसके चलते धीरे धीरे यह स्वास्थ्य उपकेंद्र खंडहर में तब्दील होने लगा। लोग खिड़की दरवाजे उखाड़ ले गये। वहीं स्वास्थ्य उपकेन्द्र के प्रागण में लगे इन्डिया मार्का हेन्ड पम्प की व्यवस्था ध्वस्त दिखी, वहीं वर्तमान में भी इस उपकेंद्र में गंदगी और झाड़ झंखाड़ का साम्राज्य फैला हुआ है। गांव के लोग अभी भी लंबी दूरी तय करके इलाज कराने जाते हैं। ग्रामीण के द्वारा बताया गया की स्वास्थ्य कर्मचारी कभी भी आया ही नहीं है। महिलाओं का प्रसव होना हो तो उसको सीएचसी बॉकेगंज या फिर गाेला सीएचसी व जिला अस्पताल लेकर जाना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण गांव के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
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