फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
गौतम और गाज़ी की इस सरज़मीन पर इन दिनों गली कूचों में धड़ल्ले से जुआवरियों और सट्टेबाजों का जमावड़ा लग रहा है। यह जमावड़ा किसी मेले से कम नहीं दिखता है। दिन रात शहर की कई ऐसी गलियां हैं जिनमें खुले आम पत्ते फेंटे जा रहे हैं जिससे स्कूली छात्र भी अब प्रभावित हो रहे हैं। वहीं अपराधियों की धर पकड़ के लिये गश्त पर गश्त करने के दावे करने वाली जिले की पुलिस को गली मोहल्लों में हो रहे जुआरियों के जमावड़े दिख नहीं रहे हैं या हमारी मित्र पुलिस इन्हें देख कर भी अनदेखा कर निकल जाए रही है इसकी असल हकीकत तो वह ही जानें लेकिन एक बात तो साफ है कि इस तरह से जुआरियों और सट्टेबाजों के जमावडों से कम उम्र के बच्चों का भी भविष्य बर्बाद हो रहा है। इन जमावड़ों पर खड़े होकर जुआ और सट्टे का खेल देख कर मासूम भी इसी राह में बढ़ रहे हैं लेकिन शायद अंदर खाने के तालमेल ने जिले की पुलिस हाथों को जकड़ रखा है तभी इन सटोरियों और जुआरियों पर पुलिस हाथ तक डालना उचित नहीं समझ रही है। ज्ञात हो कि शहर बहराइच मे शहर कोतवाली और चौकी चौक क्षेत्रों सहित कई ऐसे स्थान हैं जहां जुआरियों और सटोरियों का जमावड़ा लग तो रहा है लेकिन प्रशासन इन पर कार्यवाही करने से बच रहा है। शहर के बीचो बीच स्थित यूपी ग्रामीण बैंक के पीछे बियर की दुकान के पास ही मटका लाट्री के नाम पर सट्टेबाजी धड़ल्ले से चल रही है। जिसकी भीड़ लगभग हर समय इस जगह पर देखी जा सकती है। आपको यह भी बताते चलें कि इस जगह से महज 50 मीटर की दूरी पर प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहा है। लाट्री की आड़ मे सटटा खिलाने वाले बेखौफ होकर शहर के बीचो बीच आमजन और बच्चों तक के भविष्य को अंधकारमय कर रहे हैं। मित्र पुलिस की खामोश साफ इशारा कर रही है कि इन सटोरियों और जुआरियों को अंदर खाने से संरक्षण दिया जा रहा है। अपराधियों को पकड़ सराहनीय कार्यों का प्रेसनोट जारी करने वाली पुलिस खुलेआम लाट्री खिलाने वालों पर आखिर क्यों नहीं डाल रही है हाथ। वहीं शहर के अन्य हिस्सों जैसे ब्रह्मनीपुरा, स्टीलगंज तालाब, गुदड़ी, सलारगंज, मंसूरगंज, सहित कई ऐसे मोहल्लों हैं जिनकी गली कूचों में जुआरियों और सटोरियों का जमावड़ा दिन भर लग रहा है लेकिन पुलिस इन पर अंकुश लगा पाने में नाकाम साबित हो रही है।
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