संदीप तिवारी, ब्यूरो चीफ, पन्ना (मप्र), NIT:
पन्ना जिले में चल रहे गुणवत्ता विहीन शिक्षण संस्थान के प्रति कोई भी अधिकारी जवाबदेही लेने के लिए तैयार नहीं है। आलम यह है कि जिले में एक सैंकड़ा फर्जी स्कूल संचालित हैं लेकिन इन स्कूलों की जांच करेगा कौन यह प्रश्न जनता पूछ रही है।
जानकारी के अनुसार बिना मान्यता के इन स्कूलों द्वारा पालकों से ली जा रही मोटी फीस और कई विद्यालय बावजूद मान्यता नहीं होने की वजह से बच्चों का भविष्य संकट में है। कुछ स्कूल तो ऐसे भी हैं जिनकी दूसरी संस्था कहीं और पंजीकृत है और एक और संस्था कही और खोल कर स्कूल चलाये जा रहे है, यहां तक कि इन स्कूलों में दर्जनों डमी विद्यार्थी भी रहते हैं।
अगर बी.आर.सी अपने सही पैमाने के नजरिये से देखे तो ऐसे कई विद्यालय मिल जायेंगे जिनकी मान्यता संशय में है लेकिन जिले के ब्लाकों में बीआरसी के सुस्त रवैया के कारण कुछ स्कूल जिनकी मान्यता संशय में है जो धड़ल्ले से चल रहे है और आम जन के लिए लूट घसोट का केंद्र बन गए हैं। इस समय शिक्षा का सत्र चल रहा है और निर्धारित फीस के पैमाने से दो गुनी से लेकर चार गुनी फीस एक्टिविटी के नाम पर वसूली जा रही है। निजी स्कूलों के कोर्स भी निर्धारित दुकानों पर ही उपलब्ध हैं।
नगर आमानगंज के प्राइवेट स्कूलों द्वारा चलाई गई बसों में कंडक्टर ड्राइवर का कोई ड्रेस कोड भी नहीं होता साथ ही साथ ही रिएडमिशन के नाम पर मोटी रकम भी वसूली जाती है। वसूली जा रही मोटी रकम की शिकायत पालक करें तो कहां करें। स्कूलों में कुछ ऐसे नंबर अंकित होना जरूरी है शिक्षा अधिकारी द्वारा जिले में कोई हेल्पलाइन नम्बर भी जारी नहीं किया है न ही स्कूली वैन बसों में चाइल्ड हेल्प लाइन अंकित है।
इन सब पर कार्रवाई कौन करेगा यह बड़ा सवाल है। जिले की विस्तृत पड़ताल के बाद आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र को भी अवगत कराया जाए। उनके आश्वासन के बाद शायद निजी स्कूलों पर कुछ लगाम लगे ऐसी आशा है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.