अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
मेव समाज के मेवात क्षेत्र पर हरियाणा के मेव चौधरियों का सामाजिक दबदबा हमेशा से रहता आया है। उन मेव चौधरियों में से एक चौधरी तैयब हुसैन ने राजनीति में दमखम दिखाते हुये अलग अलग राजनीतिक दलों में समय समय पर कूदी मारते हुये पंजाब, हरियाणा व राजस्थान की सरकारों में अलग अलग समय में मंत्री रहकर एक अलग तरह से करिश्माई नेता होने का रुप दिखाया था। लेकिन हरियाणा के सबसे पिछड़े क्षेत्र मेवात से पिछड़ेपन का कलंक आज तक किसी भी चौधरी के प्रयासों से मिट नहीं पाने के अलावा अशिक्षा व क्राइम का ग्राफ लगातार बढता जा रहा है। मेवात के दिग्गज नेता रहे मरहूम तैयब हुसैन के पूत्र व नूह विधानसभा से इनेलो विधायक जाकिर हुसैन के मोहनलाल खट्टर सरकार व भाजपा की तारीफ करते हुये कल इनेलो छोड़ भाजपा में शामिल होने से पूरे मेवात में अलग तरह की राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।
भारत में मुस्लिम समुदाय पर बढते हमले व मोबलिचिंग की लगातार होती घटनाओं के बावजूद हरियाणा के मुख्यमंत्री मोहनलाल खट्टर ने हरियाणा में अक्टूबर में होने वाले आम विधानसभा चुनाव में मिशन-75 हासिल करने के लिये मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र में भाजपा की जड़ें मजबूत करने के लिये दिग्गज मेव नेता विधायक जाकिर हुसैन को अपनी मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन करवा कर जाकिर के भाजपा की टिकट पर नूहं विधानसभा से चुनाव लड़वाने का संकेत देकर मुस्लिम समुदाय में घूसपैठ करने का इरादा जता दिया है। हरियाणा के मेवात क्षेत्र की करीब पांच सीटों पर 70-प्रतिशत से अधिक व इतनी ही सीट पर निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में मुस्लिम मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिये विधायक चौधरी जाकिर हुसैन के भाजपा ज्वाइन करने के बाद मुस्लिम मतों में फाड़ होना तय हो चुका है।
हालही के लोकसभा चुनाव में भाजपा के एक तरफा जीत व भारत भर में चली मोदी लहर के बावजूद मेवात की विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के पीछे रहने से सबक लेकर भाजपा ने जाकिर हुसैन को भाजपा मे शामिल करके विपक्ष को गहरा झटका दिया है। विधायक जाकिर हुसैन की बहन जाहिदा खान राजस्थान के कामा विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से विधायक है। वही छोटे भाई फजल हुसैन राजस्थान के तिजारा विधानसभा से कभी बसपा तो कभी सपा के निशान पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं। हरियाणा के मेवात क्षेत्र के पहलू खान, रकबर खान व उमर सहित कुछ मेव युवकों को मोबलिचिंग में मौत के घाट उतारे जाने के अलावा हरियाणा के मेवात के ही डींगर हेड़ी गावं की दिल दहला देनी वाली घटना ने सबको हिलाकर रख देने के बावजूद विधायक जाकिर हुसैन ने भाजपा का दामन थामने के निर्णय से क्षेत्र में अभी तक तो समाज में कोई खुलकर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर रहे हैं लेकिन अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में जाकिर हुसैन का पलड़ा मेव बिरादरी में कमजोर होने की सम्भावना कुछ राजनीतिक समीक्षक जता रहे हैं।
अक्टूबर-2014 को हुये विधानसभा चुनाव में हरियाणा की कुल 90-सीटों में से भाजपा ने 47 सीट, इनेलो ने 19 सीट, कांग्रेस ने 15 सीट, हजका ने 2 सीट, बसपा ने 1 सीट, शिअद ने 1 सीट व 5 सीटो पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतकर विधायक बने थे। भाजपा ने मनोहरलाल खट्टर की अगुवाई मे सरकार बनाने पर विपक्षी दल का दर्जा इनेलो को मिला था। ओर कांग्रेस 15-सीट जीतकर तीसरे पायदान पर पहुंच गई थी। अक्टूबर-2019 मे होने वाले विधानसभा चुनाव मे भाजपा ने मिशन 75-सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। इनेलो के तार तार होने के सीलसीले के मध्य अबतक इनेलो के पांच विधायकों ने अलग अलग समय मे भाजपा जोईन करली है।
हमेशा सत्ता व सियासत के करीब रहने वाले मेवात के उक्त चोधरी परिवार के विधायक जाकीर हुसेन के दादा चोधरी यासीन, पिता तैयब हुसैन व चाचा हमीद हुसैन भी मेवात क्षेत्र से विधायक रह चुके है। भाई फजल हुसैन जिला प्रमुख रह चुका है। बहन जाहिदा राजस्थान के कामां से कांग्रेस विधायक है। कुछ लोग उक्त चोधरी परिवार पर परिवार वाद को बढावा देकर सत्ता का सूख भोगने के अलावा क्षेत्र से पीछड़ापन दूर नही करने की कोशिश का आरोप भी लगाते है। विधायक जाकीर नूहं से पहले ताउड़ू से भी विधायक रहे हैं।
कुल मिलाकर यह है कि लोकसभा व देश के अन्य हिस्सों मे हुये विधानसभा चुनावो मे मुस्लिम को भाजपा द्वारा उम्मीदवार बनाने पर सबकी नजर मे नजारे कायम है। जबकि गाय के नाम पर व मोबलिचिंग के बहाने सबसे अधिक मेवों के साथ घटित घटनाओं के होने का इतिहास भी सबकी आंखों के सामने होने के बाद भी चोधरी विधायक जाकीर हुसैन ने भाजपा जोईन करके मेवात मे भाजपा का जनाधार बनाने का बीड़ा उठाने का जो निश्चय किया है, उस का परिणाम अक्टूबर मे होने वाले आम विधानसभा चुनाव के बाद ही नजर आयेगा।
