हाशिम अंसारी, ब्यूरो चीफ, सीतापुर (यूपी), NIT:
हरगांव थानान्तर्गत एक गांव में एक कलयुगी मां ने लोकलाज के डर से नवजात शिशु को झोले में रखकर गन्ने के खेत में फेंक दिया। शौच को गये कुछ ग्रामीणों ने बच्चे की रोने की आवाज सुनकर जब वहां पहुंचे तो कांटों के झंकार के नीचे झोले में एक नवजात शिशु की आवाज आ रही थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने नवजात शिशु को सीएचसी हरगांव में भर्ती कराया जहाँ से पालने के लिए स्थाई तौर पर आवश्यक कार्यवाही करते हुए गांव की एक महिला को उसकी मांग पर दे दी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हरगाँव थाना के अन्तर्गत ग्राम अकबरपुर मजरा नौनेर में सोमवार की रात में एक अज्ञात कलयुगी मां ने लोकलाज के भय से अपनी नवजात शिशु को एक झोले में रखकर गांव के ही ऊदन के गन्ने के खेत में फेंक दिया तथा उसपर कटीली झाड़ियों का झंकाड़ रख कर ढक दिया। उधर प्रातः शौच को गये लोगों ने नवजात शिशु की रोने की आवाज सुनी पास जाकर देखा कि झाड़ियों के झंखाड़ के नीचे रखे झोले से बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी।यह बात जंगल की आग की तरह पूरी ग्राम पंचायत में फैल गयी ।तभी गांव के समाजसेवी व पूर्व प्रधान के पुत्र वीरेन्द्र मिश्रा बच्चा ने हरगाँव थाने को फोनकर सूचना दे दी। हरगाँव पुलिस के आरक्षी हेड अवधेश सिंह सेंगर ने पहुँच कर झोले से नवजात शिशु को अपने कब्जे में लेकर सीएचसी हरगाँव मे उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया शिशु का स्वास्थ्य ठीक निकला इसपर अकबरपुर निवासी रेनू पत्नी राकेश कुमार ने सदैव के लिये बच्चे को गोद लेने की गुजारिश की। थाना प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार पाण्डेय ने बताया कि शिशु को कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद रेनू को पालने के लिए दे दिया जायेगा।
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