रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
शनिवार को फ़ूटतालाब में देर रात तक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन चला जहां कवियों ने अपनी कविताओं से लोगों की तालियां बटोरीं। राजीव निगम के व्यंगों और कवियों के काव्यपाठ के बीच बार बार तालियां बजती रहीं। इस दौरान अतुलनीय सहयोग के लिए आयोजन सामिति ने धर्म प्रेमी जनता का आभार व्यक्त किया।
श्री वनेश्वर मारुति नंदन हनुमान मंदिर प्रांगण में धार्मिक कार्यक्रम के अंतिम दिन शनिवार रात्रि को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम का श्री गणेश मुबई की कवित्री राणा तब्बसुम ने माँ सरस्वती जी की वंदना से प्रारंभ कीया। कवि सम्मेलन शुरू से लेकर आखिरी तक बार शीर्ष पर पहुँचता रहा। रोज-रोज के आतंकी हमले हम कब तक इसी तरहा झेलेंगे कब तक हम समझौता – समझौता खेलेंगे वीर रस से भरपूर बरेली के गोरी शंकर धाकड़ की इस कविता ने फ़ूटतालाब में चले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन को वीर रस से ओतप्रोत कर युवाओं में जोश का संचार कर दिया। इटारसी के हास्य कवि राजेंद्र मालवीय आलसी ने अपने चुटीले और व्यंगात्मक अंदाज से युवाओं को खूब हंसाया।
“मोहबत की हकीकत भी हम तुमको बता नहीं सकते, मोहब्बत उसी से होती है जिसे हम पा नही सकते।” इस कविता ने युवाओं को बहुत ऊर्जा दी। नोटबंदी के बाद की भारत के घरों की घटनाओं और पति पत्नी के संवाद को वो हास्या से भावनात्मक स्वरूप तक ले गए। हास्य बम के नाम से पहचाने हो जाने वाले बारा राजस्थान के सुरेंद्र यादवेंद्र ने बजाओ तालियां शीर्षक के नाम से अपनी लोकप्रिय कविता का काव्य पाठ किया। उनकी पंक्तियाँ तीन रंग वाले के स्वाभिमान के लिए भारत की आन बान शान के लिए जिएंगे मरेंगे हिंदुस्तान के लिए ने आयोजन स्थल को देश भक्ति से भर दिया। अंचल के वरिष्ठ कवि निसार पठान ने देश में हो रहे शहीदों के अपमान पर बोली गयी अपनी पंक्तियों से खूब तालियां बटोरी। शहीदों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, नेताओं तुम सत्ता की खातिर नहीं दो यह बयान, अपने दिल का दर्द जुबां पर लाना मुश्किल है, अपने लोगों पर इल्जाम लगाना मुश्किल है, इन पंक्तियाँ पर निसार पठान के लिए जोरदार तालियां बजीं। तबस्सुम राणा की पंक्तियाँ,
रोज ख्वाबों में आ रहे हो तुम, दिल की धड़कनों को बढ़ा रहे हो तुम, मोहब्बत है तो पास आ जाओ, दूर से क्यों सता रहे हो तुम, ने वहाँ उपस्थित युवाओं पर गहरी छाप छोड़ी। मुंबई से फूट तालाब चलाओ पहुंचे सुरेश मिश्रा ने नोटबंदी ने हमको मारा है और हम जीएसटी के भी सताए हुए हैं, कविता से लोगों को लोगों की परेशानी और परिस्थितियों को हंसी के चुटकुले के माध्यम से प्रस्तुत किया।
कवि सम्मेलन में राजीव निगम लाफ्टर मास्टर मुंबई, राजेन्द्र मॉलवीय हास्य कवि इटारसी, सुरेंद्र यादवेंद्र कोटा, गौरी शंकर धाकड़ वीररस बरेली, मुकेश गौतम हास्य कवि मुंबई, राणा तबस्सुम गीत गजल मुबई, निसार पठान रभापुर, सुरेंद्र मिश्रा ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियाँ दीं। रात 2 बजे तक हजारों लोग कवि सम्मेलन में मौजूद रहे।
श्री वनेश्वर मारुति नंदन हनुमान जयंती महोत्सव में छोड़ चला प्रांगण में पहली बार पहुंचे लाफ्टर चैलेंज स्टार राजीव निगम ने अपने चुटीले और बहुत ऊंचे स्तर के व्यंगों से उपस्थित बुजुर्गों और युवाओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजू निगम ने मीडिया की खबरों को बढ़ा चढ़ाकर बताने को लेकर भी व्यंगात्मक प्रस्तुतियां दी l उनके शव यात्रा और शोक सभा के रंगों को लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिला। राजू निगम ने आयोजन समिति के सदस्य श्री सुरेश चंद पूरणमल जी जैन राजेश रिंकू जैन जैकी जैन, रिनिष तानिष जैन श्री बृजेंद्र चुन्नू शर्मा , सुशील शर्मा श्री नायक मंदिर के महंत श्री मुकेश दास जी महाराज और श्री राम दास जी त्यागी टाट वाले बाबा के साथ-साथ समिति के सभी सदस्यों का आभार भी व्यक्त किया। कार्यक्रम प्रारंभ के पूर्व सभी सदस्यों ने राजीव निगम और मंच पर उपस्थित अन्य कवियों का अभिनंदन स्वागत किया के अंत में भारत माता की आरती में भी कवियों के साथ श्रोताओं ने भी उत्साह के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम की भोजन, लाईट, सुरक्षा, ट्रैफिक और अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग देने और कार्यक्रम में रायपुरिया पेटलावद, सारंगी, झाबुआ रानापुर, रंभापुर, थांदला, और पास के अलीराजपुर, इंदौर, राजस्थान के कुशलगढ़ गुजरात के दाहोद से पूरे आयोजन में पहुँचे हजारों श्रद्धालुओं का श्रीवनेश्वर मारुती नंदन कुटीर हनुमान जयंती महोत्सव समिति के सदस्य श्रीमती वीणा देवी जैन, श्री मुकेशदास जी महाराज, श्रीरामदास जी त्यागी टाट वाले बाबा, श्री सुरेशचन्द्र पूरणमल जैन, श्रीमती सीमा जैन, राजेश रिंकू जैन, श्रीमती नीता जैन बृजेंद्र चुन्नू शर्मा, जैकी जैन, रिनिष जैन, पूजा, जूही, पूर्वा, अंतिम बाल, बिन्नी, अनिल कोठारी, माया कोठारी और हार्दिक कोठारी के साथ सभी सदस्यों ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदुस्तान के धर्म और संस्कृतियाँ प्राचीन काल से ही जीवटता के साथ संस्कारों को सहजने और उनका अनुसरण कर जीवन को सफल और ओजस्वी बनाने का संकेत देते रहे हैँ। श्री वनेश्वर मारुति नंदन हनुमान जयंती महोत्सव और श्रीगणेश, माँ अंबे, माँ महालक्ष्मी और माँ सरस्वती की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगाँठ के कार्यक्रमो को अतुलनीय सहयोग से हम सब भारत केँ धर्म और संस्कृतिकों बहुत विनम्रता के साथ गहरा करने के इस उद्देश्य में पिछले 10 वर्षों से सफल हो रहे हैँ। फ़ूटतालाब मंदिर प्रांगण में बनी आपके हजारों पदचिन्हों की आकृतियाँ ही हमारी ऊर्जा हैं, हम सभी का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।
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