रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ जिले के थांदला चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को अहिंसा के अवतार जैनियों के अंतिम तीर्थंकर श्रमण भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया गया।
विश्व को अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रम्हश्चर्य व अपरिग्रह जैसे नैतिक मूल्यों का उपदेश प्रदान करने वाले जैन समुदाय के आराध्य परम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म कल्याणक सकल जैन समाज ने बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया। प्रातः काल श्वेताम्बर, दिगम्बर व तेरापंथ समाज ने सामूहिक जुलूस निकाला जिसमें बड़ी संख्या में श्वेत वस्त्र धारण कर पुरुष, केसरिया चुनड़ी में महिलाओं व पाठ शाला की वेशभूषा में बच्चों ने भाग लिया। जुलूस नगर में प्रभु महावीर के जियो और जीने दो के साथ ही प्रेम, मैत्री और सहिष्णुता का सन्देश देते हुए जिनालयों के दर्शन करते हुए जैन स्थानक भवन पहुँचा जहाँ विराजित चरित्ररत्न पूज्या श्रीधैर्यप्रभाजी, पूज्या श्रीनिखिलशिलाजी आदि ठाणा -5 ने प्रभु महावीर के जीवन के रोचक कथानक सुनाए। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, बाबूलाल भिमावत, अरविंद रुनवाल, सन्दीप लोढा आदि ने सभी को प्रभु महावीर जन्मकल्याणक की शुभ कामनाएँ दी।
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