अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
राजस्थान में पहले सभी लोकसभा क्षेत्रों में प्रभारी सचिव द्वारा बैठक करके फिर जयपुर में मुख्यमंत्री निवास पर एक एक करके सभी लोकसभा क्षेत्र के नेताओं व कार्यकर्ताओं को बुलाकर मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री सहित दिग्गज नेताओं की मोजूदगी में रायशुमारी करने के बाद फिर प्रभारी मंत्री व प्रभारी सचिव द्वारा हर लोकसभा क्षेत्र पर जाकर सम्भावित उम्मीदवारों की वास्तविक स्थिति का आंकलन करने के बाद बनी एक रिपोर्ट को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट दिल्ली साथ ले जाकर राजस्थान प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे सहित दिग्गज नेताओं के साथ एक बैठक करके लोकसभा वार हर उम्मीदवार पर गहन मंथन कर रहे हैं।
हालांकि एक तरफ कांग्रैस ने सिद्वांत: तय किया था कि सूई के नोक पर चलने जैसा बहुमत मिलने के कारण किसी भी विधायक को एवं विधानसभा चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों को लोकसभा उम्मीदवार नहीं बनाया जायेगा। लेकिन अनेक विधायक व चुनाव हारने वाले नेता भी उम्मीदवार बनकर लोकसभा चुनाव लड़ने की कतार में आ खड़ा होने से कांग्रेस हाईकमान के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। बाडमेर-जैसलमेर से मौजूदा विधायक हरीश चौधरी राज्य में मंत्री रहते हुये लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। वहीं तारानगर विधायक नरेन्द्र बूढानिया चूरु से व विधायक गोविंद मेघवाल बीकानेर से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकै हैं। अलवर से मौजूदा सांसद डाॅ. कर्णसिंह यादव मौजूदा विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद टिकट चाहते हैं। रामेश्वर डूडी व श्रवण चौधरी के विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद वो भी चूरु व झूंझुनू से उम्मीदवार बनने के लिये दौड़ लगा रहे हैं।
राष्ट्रीय महामंत्री अविनाश पाण्डे ने बताया कि बैठक में राजस्थान सरकार व संगठन द्वारा विभिन्न स्तर के जुटाये गये फीडबैक पर उम्मीदवार चयन के लिये मंथन होने के अलावा विधानसभा चुनाव से पहले मेरा बूथ मेरा गौरव कार्यक्रम को 15 से 25 फरवरी तक मेरा बूथ मेरा गौरव कार्यक्रम सभी पच्चीस लोकसभा क्षेत्र के 225 स्थानों पर सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन लोकसभा चुनावों में अपने पूत्र वैभव गहलोत की लॉन्चिंग करने से अधीकतम सीट जीतकर अपनी कुर्सी को पांच साल तक सेफ करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक एक सीट पर उम्मीदवार का चयन करने से पहले पूरा होमवर्क करके फिर विधानसभा चुनाव की तरह आलाकमान से मिलकर गहन मंथन करके उम्मीदवार तय करना चाहते हैं जबकि अलवर से भंवर जितेंद्र, सीकर से सुभाष महरिया, जौधपुर से चंद्रेश कुमारी बाडमेर-जैसलमेर से मानवेंद्र सिंह, बांसवाड़ा से रेशम मालवीय, उदयपुर से पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, टोंक- सवाईमाधोपुर से वैभव गहलोत का उम्मीदवार बनना तय माना जा रहा है। नागौर में पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, पूर्व सांसद ज्योती मिर्धा व मानवाधिकार आयोग के रिटायर्ड अध्यक्ष हड़मानाराम कूड़ी के मध्य पेंच फंसा हुआ है।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान की सभी पच्चीस सीटों के उम्मीदवार चयन को लेकर दिल्ली स्थित कांग्रेस वाररूम में कांग्रेस नेताओं की अहम बैठक सम्पन्न हुई है जिसमें प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र से सभी सम्भावित उम्मीदवारों पर एक एक करके चर्चा हुई। मेराथन बैठक में 14 फरवरी को अजमेर में राहुल गांधी की सभा के साथ चुनाव प्रचार की शूरुआत करना तय हुआ है। सभी स्तर के मेरा बूथ मेरा गौरव सम्मेलन करके सक्रियता लाने का काम भी पार्टी स्तर पर होगा।
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