वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
जमीन का मुआवजा ने मिलने पर किसान ने रास्ता काट कर आवागमन बंद किए जाने के मामले में प्रशासन गंभीर नहीं है। एक पखवाड़ा बीतने के बावजूद समस्या का हल नहीं हो सका है जिससे बीस हजार आबादी के लोगो को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। प्रशासन की उपेक्षा से त्रस्त होकर ग्रामीण अब कारसेवा कर दूसरी रास्ता बनाने में जुटे हुए हैं।
थाना हजारा क्षेत्र के इंडो नेपाल बार्डर के बैलह ग्राम पंचायत के बाजारघाट में कई बर्ष पूर्व पक्की सड़क निकालने को लेकर एक किसान की जमीन ली गई थी। इस दौरान प्रशासन की और से किसान को मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया था। वर्षों बीतने के बाद मुआवजा न मिलने पर पीड़ित परिजनों ने 9 दिसंबर को पक्की सड़क को काटकर गड्ढे लगाकर आवागमन बंद कर दिया। इससे दोनों ओर का आवागमन और एसएसबी की चार चौकी, पुलिस, वन विभाग के अलावा टाटरगंज, राघवपुरी, आजादनगर, टिल्ला नंबर चार, टांगिया, भगवानपुरी आदि गांवों की बीस हजार की आबादी घिर गई। संपूर्णानगर चीनी मिल के जीएम ने अफसरों को पत्राचार कर गन्ना आपूर्ति ना होने का भी हवाला दिया। गन्ना सोसायटी के डायरेक्टर बेअंत सिंह ने मामले की रिपोर्ट भी दर्ज कराई। फिर भी प्रशासन के कानों में जूं नहीं रेंगी इससे परेशान ग्रामीणों ने अब एकजुट होकर शारदापुरी एसएसबी कैंप से सुतिया नाला होते हुए बाजारघाट जाने वाले पुराने रास्ते को ठीक करने के लिए कारसेवा के माध्यम से जेसीबी लगाकर कामचलाऊ रास्ता बनाने में लगे हुए है। इससे आवागमन सुरु हो सके लेकिन प्रशासन अभी तक सोया हुआ है।
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