भ्रष्ट नेताओं की बलि चढ़ा गृह मंत्री राजनाथ सिंह के लोकसभा क्षेत्र फैजुल्लाह गंज का विकास, दशकों से विकास की राह देख रहे हैं क्षेत्रवासी | New India Times

वी.के.त्रिवेदी, फैजुल्लाह गंज/लखनऊ (यूपी), NIT:

भ्रष्ट नेताओं की बलि चढ़ा गृह मंत्री राजनाथ सिंह के लोकसभा क्षेत्र फैजुल्लाह गंज का विकास, दशकों से विकास की राह देख रहे हैं क्षेत्रवासी | New India Times

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के उत्तर विधानसभा क्षेत्र एवं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के लोकसभा क्षेत्र की दुर्दशा राजधानी के नाम पर कलंक है। नाली सड़कों के अभाव से क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा रहता है। 54 सफाई कर्मचारी होने के बाद भी स्वच्छ भारत अभियान यहां पहुंचते ही समाप्त हो जाती है। नेताओं का वोट बैंक जहां 70% जनसंख्या सीतापुर से आकर बसे लोगों की है जो ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के हैं। हर बार चुनाव के समय विकास की बातें होती हैं लेकिन चुनाव के बाद मात्र चुनावी जुमला साबित होता है। दशकों से बसे फैजुल्लाह गंज क्षेत्र का क्षेत्रफल कई किलोमीटर तक फैला है जिसमें आज तक पूरा स्थल का निर्माण तक नहीं हो सका है, पूरे क्षेत्र में छोटा बड़ा एक भी डस्टबिन नहीं है जिसके कारण क्षेत्रवासी अपने घरों के कूड़े को खाली पड़े प्लाटों में डालते हैं। पूरे क्षेत्र में लगभग 150 से अधिक सफाई कर्मी होने व चार कूड़ा उठाने की गाड़ियों के बाद भी क्षेत्र में कूड़े का अंबार जगह जगह देखा जा सकता है। क्षेत्र वासियों की मानें तो सफाई कर्मी सीतापुर रोड से सटे हुए फैजुल्लागंज की सड़कों की सफाई करते हैं व पार्षद के हितैषीयों के दरवाजों और नालियों की सफाई की जाती है। क्षेत्रवासियों की मानें तो पार्षद इतना गिर चुके हैं कि अगर निष्पक्ष जांच करवाई जाए तो सफाई कर्मियों की संख्या में भी धांधली कर लूट का पर्दाफाश होगा। केंद्र प्रदेश की मौजूदा सरकार के ही सांसद, विधायक व पार्षद होने के बाद भी क्षेत्र में विकास के नाम पर चंद नालियां व कुछ सड़कों के बाद विकास का पहिया जाम है। लोगों का आरोप है कि सभी यह कहकर हमारा मजाक उड़ाते हैं कि तुम लोगों ने वोट हमें नहीं दिया, तुम लोगों ने अपना वोट राज्य की पूर्व सरकार की पार्टी को दिया है। नेताओं के सौतेले व्यवहार के कारण उत्तर प्रदेश की राजधानी की जनता विकास को तरस रही है। कुछ वर्ष पूर्व भारी बीमारी के कारण फैजुल्लाहगंज के दर्जनों लोगों की मृत्यु के बाद हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी सफाई व्यवस्था दिखावा मात्र है। गलियों में पानी भरा है, आज भी क्षेत्रवासी बीमारियों के प्रभाव से ग्रसित हैं। बीमारी का दूसरा कारण क्षेत्र में तीन सूअर पालक भी हैं जिन्होंने क्षेत्र को सूअरों का बाड़ा बना रखा है। क्षेत्रवासियों द्वारा कई जगह शिकायती पत्र देने के बाद भी इन पर कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई है क्योंकि इन लोगों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हैं। प्लाटों के कूड़े को नालियों तक पहुंचाने का श्रेय सूअरों को जाता है हालांकि नगर निगम कर्मचारी सड़क नाली निर्माण ना होने के कारण सफाई व्यवस्था धराशाई बताते हैं।मामला कुछ भी हो सरकार चाहे जिसकी हो “नेता अधिकारी मस्त जनता त्रस्त” यही राजधानी के फैजुल्लागंज का नियम चला आ रहा है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading