अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ धुले (महाराष्ट्र), NIT:
धुलिया ज़िला परिषद शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित मुख्याध्यापक की पदोन्नति नीति से उर्दू अध्यापकों को वंचित रखा गया है जिसके चलते ज़िला परिषद शिक्षा विभाग की नीतियों का अल्पसंख्याक विकास परिषद ने निषेध किया है और मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को ज्ञापन सौंपकर दोषी शिक्षा विभाग के कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग के साथ तुंरत उर्दू भाषिक अध्यापकों को पदोन्नति प्रदान करने पर जोर दिया है। शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित समय में पदोन्नति नही बहाल की गई तो विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी अल्पसंख्यक विकास परिषद ने दी है।
अल्पसंख्यक विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ताहिर बैग मिर्जा ने बताया है कि धुलिया ज़िला परिषद के सामान्य वर्ग के शिक्षकों को मुख्याध्यापक पदोन्नति की घोषणा करते समय ज़िला परिषद की उर्दू विद्यालय के शिक्षकों के साथ अन्याय किया गया है. ज़िला परिषद शिक्षा विभाग द्वारा 2016 से पहले से लंबित प्रकरणों में ओपन कैटेगरी के ४२ शिक्षकों को पदोन्नति बहाल किया है लेकिन अल्प भाषिक उर्दू विद्यालय के ज़िला परिषद ऊर्दू विद्यायो में से निजामपुर ज़िला परिषद ऊर्दु विद्यालय साक्री.शिरपुर के सुभाष नगर की ज़िला परिषद उर्दू स्कूल जातोडे और शिदखेडा मिलाकर चार ऊर्दु विद्यालय के अध्यापक गण अनेक महीनो से पदोन्नति के इंतज़ार में है जबकि पद भी रिक्त पड़े हैं लेकिन ज़िला परिषद शिक्षा अधिकारी की लापरवाही बरतने के कारण अभी तक मुख्याध्यापक रिक्त पदों की भर्ती नहीं की गई है इसके पीछे की राजनीति क्या है इस तरह का प्रश्न अल्पसंख्यक विकास परिषद ने उपस्थित किया है ज़िला प्रशासन को तुरंत इस मामले की जांच कर दोषी करार अधिकारियों पर कार्रवाई और उर्दू विद्यालय में मुख्य अध्यापक पदों की पदोन्नति बहाल करने की मांग की है।
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