मप्र में चुनाव प्रचार का दौर समाप्त, अब 28 नवंबर को मतदाता करेंगे उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला | New India Times

मेहलक़ा अंसारी, ब्यूरो चीफ बुरहानपुर (मप्र), NIT:

मप्र में चुनाव प्रचार का दौर समाप्त, अब 28 नवंबर को मतदाता करेंगे उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला | New India Times

सभी राजनैतिक दल सहित निर्दलीय प्रत्याशियों के द्वारा अपने अपने स्तर से विगत दो सप्ताह से मशक़्क़त से खून पसीना एक करके किए गए प्रचार के बाद आज शाम 5 बजे प्रचार का शोर थम गया है। बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र से काग़ज़ पर 10 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि एक आज़ाद उम्मीदवार महंत स्वामी पुष्करानंद जी महाराज ने भाजपा प्रत्याशी श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी के समर्थन में मैदान से हटने की घोषणा की है लेकिन महत्वपूर्ण मुक़ाबला भाजपा की श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी, आज़ाद उम्मीदवार ठाकुर सुरेन्द्र सिंह शेरा और कांग्रेस के रवींद्र महाजन के दरम्यान ही माना जा रहा है। भाजपा उम्मीदवार श्रीमती अर्चना चिटनिस दीदी के समर्थन में केंद्रीय गृह मंत्री राज नाथ सिंह, केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति ज़ुबिन ईरानी, गुजरात के कुछ सांसद और विधायक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस, महाराष्ट्र के वर्तमान एवं पूर्व मंत्री गिरीश महाजन और एकनाथ खडसे, भाजपा में अल्पसंख्यकों का चेहरा सैय्यद शाहनवाज़ हुसैन आदि ने आमसभा को संबोधित करते हुए चिटनिस को वोट देने की अपील कर चुके हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी की ओर से अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शायर इमरान प्रतापगढ़ी और पूर्व फिल्म अभिनेता और यूपी कांग्रेस चीफ राज बब्बर ने आमसभा को सम्बोधित कर कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्र महाजन के पक्ष में फ़िज़ा तैयार करने में एहम रोल अदा किया है। कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार को इन दोनों स्टार प्रचारकों से कितना लाभ प्राप्त होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। भाजपा, कांग्रेस और आज़ाद सहित कई उम्मीदवारों ने विगत दो सप्ताह से मेहनत करके खून पसीना एक करके शहर शहर, गली गली एवं गांव गांव दस्तक दे कर मतदाताओं से अपने पक्ष में आशीर्वाद मांगा है, लेकिन मतदातागण किस को अपना आशीर्वाद देंगे इस का फैसला वह 28 नवंबर को करेंगे, वहीं 25 नवंबर रविवार को एवं 26 नवंबर सोमवार को अंतिम दिन आज़ाद उम्मीदवार शेरा भैया द्वारा आयोजित की गई दो सभाओं में लगभग 25 हजार की भीड़ आने से कांग्रेस और भाजपा की नींद उड़ने के संकेत देते हैं। यह महज़ संयोग ही है कि ठाकुर शिवकुमार सिंह का परलोक सिधारने का दिन और विधानसभा चुनाव की तिथि एक समान होने से ठाकुर परिवार भावनात्मक रूप से उनकी क़ुर्बानी की याद दिला कर मतदाताओं से सच्ची श्रध्दांजलि अर्पित की मांग कर रहा है। वैसे भाजपा, कांग्रेस और आज़ाद उम्मीदवारों की कोई न कोई खामी निकालकर वीडियोज, फोटो आदि वायरल कर मतदाता को अपने पक्ष में करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन प्रचार का समय खत्म होने के बाद जिस तरह एक जज अपना फैसला लिखने में मंथन करता है, ठीक उसी प्रकार मतदाताओं के मंथन का दौर शुरू हो गया है। वह अगले 36 घंटों में शांति से मंथन करके अपने आने वाले कल और उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए किसी एक योग्य उम्मीदवार की किस्मत पर अपनी मुहर लगा कर उसे अपना नुमाइंदे निर्वाचित करेंगे। लेकिन प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें तेज़ हैं और मतदाता खामोश है और यह खामोशी किसी नए इंक़लाब की आहट भी हो सकती।


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